अणुव्रत विश्व भारती के निर्देशानुसार अणुव्रत समिति, गाजियाबाद जैन स्थानक सूर्य नगर में ’आगम ज्ञाता पूज्य गुरुदेव अरुण चन्द्र जी महाराज सा ठाणा 5’ के सान्निध्य में मनाया गया। जिसमें अनेकों धर्म संप्रदाय के धर्मगुरुओ में ज्ञानी गुरविंदर सिंह जी (सिख ग्रंथि), ब्रह्माकुमारी निशा जी Father Freddie (Ofm Cap) को आमंत्रित किया गया।
अणुविभा के महामंत्री श्रीमान भीखमचंद जी सुराणा, अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह की राष्ट्रीय संयोजिका डॉ.कुसुम जी लूनिया, श्रीमान कृष्ण मोहन खेमका जी (निगम पार्षद सूर्यनगर, संरक्षक अणुव्रत समिति गाजियाबाद), जैन स्थानक के प्रधान जी महामंत्री, के अलावा कई संस्थाओं के पदाधिकारी की गरिमामय उपस्थिति रही।
कार्यक्रम की शुरुआत अपनी मधुर आवाज में श्री नीता जी शर्मा ने अणुव्रत गीत से की। उसके बाद समिती की अध्यक्षा श्रीमती कुसुम जी सुराना ने आगंतुक सभी धर्मगुरुओं और अतिथियों का स्वागत किया। अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह की राष्ट्रीय संयोजिका जी डॉ.कुसुम जी लुनिया ने अणुव्रत के 11 नियमों की संक्षिप्त और सुंदर शब्दों में व्याख्या की। अणुविभा के महामंत्री श्रीमान भीखम चंद जी सुराना ने अणुव्रत का परिचय कराते हुए सौहार्द दिवस पर वक्तव्य में अणुव्रत की महता को जन जन तक पहुँचाने का आह्वान किया। ईसाई संप्रदाय से Father Freddie जी ने अपना प्रेरक वक्तव्य दिया ! सिक्ख संप्रदाय के धर्मगुरु ज्ञानी गुरविन्दर सिंह जी ने प्रेरणा दायक कहानी के माध्यम से सांप्रदायिक सौहार्द की बात बहुत प्रभावी ढंग से रखी।
ब्रह्मकुमारी निशा जी ने कहा आज की सुबह कितनी सुंदर है समय भी कितना अच्छा है कि आज अनेक धर्म के लोग एक साथ अपने विचारों का आदान-प्रदान कर रहे हैं। हमारा मन छोटा है पर यह बड़े-बड़े काम कर रहा है। जिस प्रकार हम अन्न का व्रत करते है! उसी प्रकार हम सुख, शांति, पवित्रता को अपना कर मन का व्रत कर सकते है।
अंत में पूज्य गुरुदेव अरुण चन्द्र जी महाराज सा ने अपने सारगर्भित वक्तव्य में कहा कि कितना सुंदर शब्द है सोहार्द। जीवन यात्रा में किसी भी प्राणी,समाज,राष्ट्र की किसी के सहयोग के बिना नहीं चलती। जैन धर्म एक विचारधारा है, ऊंचा वहीं हैं जिसका स्वभाव ऊंचा हो। जिस धर्म में संयम की अहिंसा की अपरिग्रह कि अणुव्रत की बात होती है वही धर्म श्रेष्ठ है चाहे वह कोई सा भी धर्म हो। महाराज सा ने समिति को साहित्य भेंट किया। और कहा इसका स्वाध्याय सभी कोई करें।
समिति के संरक्षक और सूर्यनगर निगम पार्षद श्रीमान कृष्ण मोहन खेमका जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि गाजियाबाद में सब धर्म गुरुओं को एक साथ सांप्रदायिक सोहार्द दिवस के अवसर पर आज पहली बार ऐसा कार्यक्रम देखने को मिल रहा है देख कर सात्विक प्रसन्नता हो रही है। कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमान शरद वाष्णेय जी द्वारा किया गया।
श्रावक और श्राविका समाज की अच्छी उपस्थिति से खचाखच भरा हुआ हॉल निरंतर ’हर्ष हर्ष जय जय’ ’ओम अर्हम’ के नारों से गुंजायमान होता रहा।
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