मुनिश्री मोहजीत कुमार जी के पावन सान्निध्य में थिंक डिफरेंट थीम पर कार्यशाला का समायोजन हुआ। मुख्य वक्ता मुनिश्री जयेश कुमारजी ने इस अवसर पर उपस्थित युवावर्ग को संबोधित करते हुए कहा कि आज के इस तेजी से बदलते युग में व्यक्ति नई सोच के बिना आगे नहीं बढ़ सकता है। मैं अनेक बार कहता हूं कि मनुष्य का जन्म कुछ नया करने हेतु हुआ है। पर नया करने के लिये पहले कुछ अलग सोचना जरूरी है। व्यक्ति अपनी अलग सोच से सामान्य कार्य को भी असाधारण उत्कृष्टता प्रदान कर सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रसिद्ध सूक्त है सफलता बड़ी चीजों में होती है पर खुशियां छोटी चीजों से मिलती है। कई लोग छोटी-छोटी खुशियों को ज्यादा महत्व देते है। पर सच्चाई यह है कि कुछ बड़ा किये बिना व्यक्ति जीवन में महानता का वरण नही कर सकता है। सफलता के लिये छोटी-छोटी खुशियों का बलिदान करना ही पड़ता है। हर महान व्यक्ति ने इनका बलिदान देकर ही असाधारण सफलताओं को हासिल किया है। मैं आशा करता हूं कि इस कार्यशाला में प्राप्त संबोध आपके जीवन में नई सोच के जागरण के साथ उसे नई दिशा दे सकेगा।
कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या मंडल की सदस्याओं द्वारा मंगलाचरण से हुआ। कन्या मंडल संयोजिका नेहा दुग्गड़ ने स्वागत वक्तव्य दिया। किशोर मंडल संयोजक मुदित सियाल ने आभार ज्ञापन किया। संचालन हार्दिक गादिया ने किया। कार्यक्रम की सफल समायोजना में तेरापंथ कन्या मंडल एवं तेरापंथ किशोर मंडल, चिकमंगलुरु के सदस्यों का विशेष योगदान रहा।
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