हनुमंतनगर ज्ञानशाला का वार्षिकोत्सव का आयोजन साध्वीश्री सिद्धप्रभा जी आदि ठाणा-4 के पावन सान्निध्य में तेरापंथ भवन, हनुमंतनगर में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वीश्री जी के नमस्कार महामंत्र के मंत्रोचार द्वारा हुई। प्रशिक्षकों बहनों द्वारा मंगलाचरण किया गया। साध्वीश्री सिद्धप्रभा जी ने बताया बदलते जमाने की जरूरत है अच्छे संस्कार और उन्हें पूरा करती है-ज्ञानशाला। माता-पिता बच्चों को ज्ञानशाला भेजने में प्रमाद न करेें, इसे प्राथमिकता दें। प्रशिक्षक के श्रम की सराहना करते हुए हनुमंतनगर से वैरागी तैयार करने की प्रेरणा दी। साध्वीश्री मलययशाजी, साध्वीश्री आस्थाप्रभा जी, साध्वीश्री दीक्षाप्रभा जी द्वारा बदले ये जमाना सुमधुर गीतिका का संगान किया। साध्वीश्री दीक्षाप्रभा जी ने बताया कि आज की पीढ़ी एवं आने वाली पीढ़ी के लिए ज्ञानशाला की जरूरत है। जहाँ बच्चों को सही रास्ता, व्यवहार, अपनी संस्कृति के बारे में जानते है। सभा अध्यक्ष गौतम जी दक एवं ज्ञानशाला आंचलिक संयोजक श्री माणक जी संचेती ने अपने विचार रखे। ज्ञानशाला संयोजिका श्रीमती मंजू जी दक ने ज्ञानशाला की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। ज्ञानशाला के लगभग 50 बच्चों ने गीतिका और नाटक द्वारा रोचक प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर तेयुप अध्यक्ष श्री कमलेश जी झाबक, मंत्री श्री संदीप जी चौधरी, श्री महावीर जी देरासरिया, श्री राहुल जी मेहता, श्री नवरतन जी बोल्या, किशोर मण्डल संयोजक श्री जिनेश धोका, सह-संयोजक श्री नीव चौधरी का पूरा सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन ज्ञानशाला ज्ञानार्थी सुश्री इशा, सुश्री मोक्षा ,सुश्री मुक्ति मेहता ने किया। आभार ज्ञापन प्रशिक्षिका श्रीमती तारा जी कटारिया ने किया। कार्यक्रम में प्रशिक्षक बहनों एवं अभिभावकों सहित सम्पूर्ण श्रावक समाज की अच्छी उपस्थिति रही।
