मुनिश्री आनंद कुमार जी कालू एवं सहवर्ती मुनिश्री विकास कुमारजी ठाणा-2 के पावन सान्निध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् एवं समन संस्कृति संकाय के तत्वावधान में आयोजित सम्यक् दर्शन कार्यशाला की परीक्षा 28 और 31 अगस्त, 2024 को भारत, नेपाल और विदेश के 242 क्षेत्रों के परीक्षार्थियों ने स्वाध्याय कर भाग लिया।
इसमें इस्लामपुर क्षेत्र के परीक्षार्थियों ने भी भाग लिया। परीक्षार्थियों को प्रमाण पत्र कार्यक्रम का शुभारंभ मुनिश्री के द्वारा महामंत्रोचार के साथ हुआ। तत्पश्चात तेयुप की टीम ने विजय गीत से मंगलाचरण किया। तेयुप मंत्री मुदित पींचा ने सबका स्वागत करते हुए साम्यक् दर्शन कार्यशाला का कुशल व सफल संचालन किया। तेयुप अध्यक्ष श्री राकेश धाड़ेवा ने भविष्य में जागरूक होकर इस कार्यशाला में अधिक से अधिक संख्या में जुड़ने हेतु आह्वान किया। इस मौके पर मुनिश्री आनंद कुमार जी ‘कालू’ ने अपने मंगल पाथेय में कहा कि सम्यग् दर्शन के आधारभूत तत्व तीन हैं-देव, गुरु, धर्म।
मुनिश्री ने कहा कि सम्यक् दर्शन के मूल तीन लाभ हैं-सम्यक् दृष्टिकोण का विकास, विधायक दृष्टिकोण का विकास, तीव्रतम, क्रोध, मान, माया, और लोभ का उपशमन। सम्यक् दर्शन के साथ समय प्रबन्धन की बात आचार्य श्री तुलसी का सर्वथा नया चिंतन था। मुनिश्री आनंद कुमार जी कालू ने बताया कि तेयुप को संघ एवं संगठन के कार्यों में जागरूक रहने की आवश्यकता है। इस अवसर पर तेरापंथ सभा, तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवा परिषद, अणुव्रत समिति और ज्ञानशाला के परिवार सहित काफी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।
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