अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार तेरापंथ महिला मंडल, जलगांव द्वारा प्रेक्षाध्यान के दूसरे चरण में तीन घंटे की कयोत्सर्ग कार्यशाला का आयोजन किया गया। नमस्कार महामंत्र के सामूहिक उच्चारण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। महिला मंडल की बहनों श्रीमती सुनीता चौरडिया, श्रीमती प्रियंका छाजेड़, श्रीमती जय श्री लोढ़ा, श्रीमती हिमांशी सेठिया, श्रीमती सरोज ललवानी के द्वारा सुमधुर स्वर लहरी में प्रेक्षाध्यान गीत का संगान किया गया। मुख्य अतिथि एवं प्रेक्षा प्रशिक्षक के रूप में मुंबई से श्रीमती मीना जी साबद्रा उपस्थित थी। साथ ही कार्यक्रम में प्रेक्षा इंटरनेशनल के टेक्नोलॉजी हेड श्रीमान उमेश जी सेठिया की गरिमामय उपस्थिति रही। महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती निर्मला छाजेड़ ने सभी अतिथियों एवं प्रेक्षा साधकों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के विषय में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रेक्षाध्यान स्वय को देखने का माध्यम है, जो स्वयं को देखना जान जाता है, वह अपने आवेश पर विजय प्राप्त कर कर्मों के बंधन को तोड़ सकता है। प्रेक्षाध्यान एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने तन और मन को निरोगी रखकर एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। मंत्री श्रीमती रिटा बैद द्वारा मुख्य अतिथि का परिचय दिया गया। प्रेक्षा प्रशिक्षक श्रीमती मीना जी साबद्रा ने प्रेक्षाध्यान के बारे में बड़े ही सुंदर और सरल तरीके से प्रेक्षाध्यान एवं कयोत्सर्ग के आध्यात्मिक आधार व लाभ बताए। उन्होंने बताया प्रेक्षाध्यान के साधक बनकर हम इंद्रिय व मन को संयमित कर स्वयं अपनी खोज कर सकते हैं। अवचेतन मन तक पहुंच सकते हैं। उत्कृष्ट ध्यान से हमें एक बेल की तपस्या जितनी कम निर्झरा हो सकती है। उन्होंने 30 मिनट तक कयोत्सर्ग का बहुत ही सुंदर प्रयोग करवाया। इसके साथ ही कई आसान भी करवाये।
प्रेक्षा इंटरनेशनल के टेक्नोलॉजी हेड श्रीमान उमेश जी सेठिया ने ऑनलाइन प्रेक्षा मेडिटेशन ऐप के बारे में विस्तार से जानकारी दी और साथ ही सभी से ऑनलाइन इस ऐप से जुड़ने का आह्वान किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन संयोजिका श्रीमती रौनक चौरडिया द्वारा किया गया। आभार ज्ञापन संयोजिका श्रीमती प्रियंका छाजेड़ द्वारा किया गया। कार्यक्रम के सुव्यवस्थित आयोजन में निवर्तमान अध्यक्ष श्रीमती नम्रता सेठिया, श्रीमती मितु धाडेवा, श्रीमती विनीता समदरिया, श्रीमती मोनिका छाजेड, श्रीमती मधु छाजेड, श्रीमती मोनिका चौरड़िया, श्रीमती अमिता सेठिया, श्रीमती शशि सुराणा, श्रीमती पूजा मालू, श्रीमती मीना छाजेड़ का विशेष श्रम रहा। कार्यशाला में अच्छी संख्या में भाई-बहनों ने जुड़कर कार्यक्रम को सफल बनाया।
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