अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा निर्देशित प्रेक्षा प्रवाह-शक्ति और शांति की ओर’ कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ महिला मंडल द्वारा आयोजन साध्वी श्री सौमयशा जी ठाना-3 के सान्निध्य में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वीश्रीजी द्वारा नमस्कार महामंत्र से हुई। मंडल अध्यक्ष प्रवीण जी ने सभी का स्वागत किया। साध्वीश्री जी ने पहले सभी को कायोत्सर्ग करवाया। श्वास प्रेक्षा करवाई, फिर आपने बताया कि जब-जब हमें निराशा आए, तब हमें गौतम स्वामी का ध्यान करना चाहिए।
जब-जब हमें अभिमान मन में आए, तब हमें धरती को याद करना चाहिए। साध्वीश्री डॉ. सरल यशाजी ने कहा कि 21वीं सदी का सबसे बड़ा अभिशाप है-तनाव और तनाव के 3 डब्ल्यू-वर्क, वाइफ और वेल्थ कारण है। साध्वीश्री ऋषिप्रभा जी ने कहा कि शांति में जब रहेंगे जब हम अपने आप पर फोकस करेंगे। हमें तेरह केन्द्र पर साधना करनी चाहिए। धैर्य सकारात्मक सोच और शांति तीनों को अपनाना चाहिए, जिससे हम शांति से शक्ति की ओर प्रस्थान कर सकते हैं। तेरापंथ सभा, तेरापंथ युवक परिषद, महिला मंडल, कन्या मंडल की अच्छी उपस्थिति रही।
