अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार प्रेक्षाध्यान शिविर का आयोजन मुनि श्री देवेंद्र कुमार जी व मुनि श्री आर्जव कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ महिला मंडल, श्रीडूंगरगढ़ द्वारा किया गया। मुनिश्री जी के नमस्कार महामंत्र से कार्यशाला का प्रारंभ किया गया। महिला मंडल की बहनों द्वारा प्रेक्षाध्यान गीत का संगान किया गया। मुनिश्री जी ने प्रेक्षाध्यान के बारे में बताया कि जहां चित की शुद्धि का लक्ष्य होता है वहां चेतना का ऊर्दवागण अंग होता है। मुनिश्री जी ने प्रेक्षाध्यान में कयोत्सर्ग का प्रयोग कराया। आत्मा भिन्न-शरीर भिन्न है। पूरे शरीर का प्रयोग कराया। हमेशा हमें दीर्घ श्वास का प्रयोग करना चाहिए। जिसकी पाचन ग्रंथी सही नहीं है वह सही होती है।
कार्यक्रम का संचालन मंधु झाबक ने किया। संगठन मंत्री मंजू झाबक ने प्रेक्षाध्यान के बारे में भी अपने विचार व्यक्त किए और बताया कि हम सभी को छोटे-छोटे प्रयोग हमेशा करने चाहिए। जिससे जीवन में बदलाव आते है। अध्यक्ष सुनीता डागा ने सभी का आभार ज्ञापन किया। कार्यशाला में श्रावक-श्राविका समाज की अच्छी उपस्थिति रही।
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