मुनिश्री प्रशांत कुमार जी, मुनिश्री कुमुद कुमारजी के सान्निध्य में ‘कैसे हों आपसी रिश्ते’ कार्यशाला एवं सम्मान समारोह डिमापुर (नागालैंड) सभा द्वारा आयोजित हुआ। जनसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री प्रशांत कुमार जी ने कहा कि व्यक्ति का मनोभाव रहे कि परिवार में शांति के साथ कैसे रहूं ? जीवन में थोड़ा परिवर्तन लाने से परिवार की व्यवस्था सम्यक् बन जाती है। सभी एक-दूसरे को बदलना चाहते हैं, इसलिए परिवार में अशांति बढ़ती जा रही है। मैं भी शांति से रहूं और दूसरों को भी शांति से रहने दूं, यह हमारा व्यवहार होना चाहिए। व्यक्ति दुनिया को बदलना चाहता है, लेकिन अपने आपको बदलना नहीं चाहता। अपने चिंतन में सुधार से ही जीवन व्यवहार में सुधार संभव है। परिवार में एक-दूसरे के प्रति प्रेम से रहेंगे तो एक-दूसरे की कमियों को नहीं देखा जाएगा। जहां प्रेम है वहां अच्छाई को देखा जाता है। रिश्तों में आपसी सौहार्द, सद्भाव, सामंजस्य होना चाहिए। माता-पिता चिंतन करें कि हमें परिवार को कैसे चलाना है। कैसे संस्कार देने हैं। रिश्ते में सामंजस्य की कला बहुत जरूरी है। शिक्षा का सार यही है कि हम जीवन जीने की कला सीखें। व्यक्ति को स्वार्थवादी दृष्टिकोण से ऊपर उठना चाहिए। बड़े छोटे को वात्सल्य दें और छोटे बड़ों को सम्मान दें। समर्पण, त्याग से ही परिवार में सुख-सुकुन मिलता है। पैसों से साधन मिल सकता है लेकिन सुख-शांति नहीं मिलती है। दृष्टिकोण नकारात्मक बनने से आपसी रिश्ते खत्म होते देर नहीं लगती है। सामंजस्य-सहयोग रिश्ते को मजबूत बनाता है। हम एक-दूसरे को समझना सीखें।
मुनिश्री कुमुद कुमारजी ने कहा कि आज के समय में रिश्तों की अहमियत भूलते जा रहे हैं। सुखी परिवार हमें बहुत कुछ प्रेरणा प्रदान करता है। परिवार के सदस्य एक-दूसरे के प्रति सहयोग, सेवा, समन्वय, सहनशीलता, विनय-वात्सल्य, साथ में भोजन तथा सप्ताह में एक बार सामूहिक संगोष्ठी रखें, तो प्रत्येक परिवार सुखी-समृद्ध बन जाएगा। स्वर्ग के सुखों का अनुभव प्राप्त होगा। परिवार या रिश्ते जबरदस्ती नहीं चलते है वे चलते है आपसी व्यवहार एवं प्रमोदभाव से। अहंकार आपसी रिश्तों की जड़ को खत्म कर देता है। अधिकार जताना ही नहीं अधिकार देना भी सीखें।
कार्यक्रम का शुभारंभ सभा के सदस्यों के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण सभा अध्यक्ष श्री अशोक कोचर ने दिया। गुवाहाटी से श्रीमती निर्मला बोथरा, श्रीमती ऋतु डागा, सुश्री वर्षिता बोथरा, महिला मंडल डिमापुर, ज्ञानार्थियों, दिगम्बर जैन समाज से श्री ओमप्रकाश सेठी, श्री महेश अग्रवाल, जोरहाट सभा अध्यक्ष श्री रतनलाल भंसाली, डिफू महिला मंडल ने गीत, वक्तव्य, कविता तथा नाटक के माध्यम से प्रस्तुति दी। आभार सभा सहमंत्री श्री अशोक बोथरा ने दिया। कार्यक्रम का कुशल संचालन मुनिश्री कुमुद कुमारजी ने किया। सम्मान समारोह का संचालन सभा मंत्री श्री प्रकाश बोथरा ने किया। सभा द्वारा विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों, डाक्टरों एवं बाहर से समागत समाज का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में जोरहाट, मोरियाबाडी, डिफू, मांजा, गुवाहाटी से सहभागी बनें।
