दिनांक 08.01.25 को अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार महिला मंडल, केजीएफ के तत्वावधान में कायोत्सर्ग के वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक पक्ष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र के सामूहिक उच्चारण से हुई। तत्पश्चात महिला मंडल की बहनों ने प्रेक्षाध्यान गीत का संगान किया। श्रीमती प्रिया बांठिया ने कायोत्सर्ग के उपयोग और उसके लाभ बताए। कायोत्सर्ग का मतलब काया का विसर्जन करना एवं शरीर के प्रति आशक्ति को छोड़ना। भगवान महावीर स्वामी ने लगभग 12 वर्ष ध्यान किया, जिसमें कायोत्सर्ग उनका आदि एवं अंतिम बिंदु था। तनाव तीन प्रकार के होते हैं-शारीरिक तनाव, मानसिक तनाव एवं भावनात्मक तनाव। इन सभी तनाव को कैसे शांत करें। इसके लिए कायोत्सर्ग करना अनिवार्य है। कायोत्सर्ग करने से स्ट्रेस कंट्रोल होता है। हमारे शरीर में 2 नर्वस सिस्टम है एक sympathetic नर्वस सिस्टम दूसरा parasympathetic नर्वस सिस्टम। Sympathetic नर्वस सिस्टम का काम है fight and flight और parasympathetic नर्वस सिस्टम का काम है rest and digest.
कायोत्सर्ग करने से parasympatethic हमारी स्ट्रेस को कंट्रोल करता है। तनाव की वजह से हम डिप्रेशन स्ट्रेस एनएसईटि आदि पर नियंत्रण करने के लिए हमें कायोत्सर्ग करना चाहिए। कायोत्सर्ग हमारे शरीर के एक-एक सेल्स को शांत करता है इसलिए हमें दिन में कम से कम 15 मिनट का कायोत्सर्ग करना जरूरी है। इसके साथ समताल स्वास इसका प्रयोग भी कराया गया और कायोत्सर्ग का प्रयोग भी कराया। श्रीमती निकिता हिंगड ने आभार व्यक्त किया। कार्यशाला का संचालन मंत्री चेतना बांठिया ने किया। कार्यक्रम में बहनों की अच्छी उपस्थिति रही।
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