शासनश्री साध्वी श्री विद्यावतीजी ‘द्वितीय’ ठाणा-5 के सान्निध्य में नूतन वर्ष के उपलक्ष में वृहद मंगलपाठ का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम भक्तामर स्तोत्र का सामूहिक पाठ किया गया। मंगल स्तुति के बाद साध्वीश्री प्रियंवदाजी, साध्वीश्री प्रेरणाश्रीजी, साध्वीश्री मृदुयशाजी एवं साध्वी ऋद्धियशाजी ने महाप्रभावशाली, विघ्नविनाशक, शांतिदायक विविध मंत्रों का उच्चारण किया। दादर, एलपिस्टन, माटुंगा, धारावी, सायन कोलीवाडा, वडाला, गोरेगांव, मलाड, महालक्ष्मी, भायखला आदि उपनगरों से समागत सभी श्रावक-श्राविकाओं ने पूर्ण तन्मयता एवं एकाग्रता के साथ मंत्रों का श्रवण किया। साध्वीवृंद ने सामूहिक गीत प्रस्तुत किया।
साध्वीश्री प्रियंवदाजी ने कहा कि मंत्रों एवं आगम वाणी से अपने भीतर एक नई ऊर्जा का संचार होता है। मंत्र में अपार शक्ति होती है। जब मंत्रों का उच्चारण करते हैं तो अलौकिक शांति की अनुभूति होती है। नये वर्ष बृहद मंगल पाठ श्रवण इसलिए किया जाता है कि आत्मिक शक्ति साधना के क्षेत्र में योगभूत बनी रहे।
साध्वीश्री विद्यावतीजी ने प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि नये वर्ष के शुभ प्रवेश पर कोई न कोई ऐसा एक संकल्प स्वीकार करें जो आपकी जिंदगी को सम्यक् दिशा की ओर गतिशील कर सके। श्रावक जीवन की साधना में संकल्पों का एक अलग ही प्रभाव होता है। संकल्प दृढ़ है तो विकास भी संभव है। अतः आज स्वेच्छानुसार यथाशक्ति एक संकल्प अवश्य स्वीकार करें। उपस्थित जनसमूह ने यथा इच्छा एक-एक संकल्प स्वीकार किया। इस मंगल अवसर पर सूरजकरणजी दुगड (मलाड), विकास धाकड़ (गोरेगांव), देवीलालजी चोरड़िया (माटुंगा), रवि डोसी (महालक्ष्मी) निर्मलजी भंसाली, पंकज चौपड़ा, रजत मारू आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।
