तमिलनाडु के सेलम शहर स्थित तेरापंथ भवन में मुनिश्री दीप कुमारजी ठाणा-2 के सान्निध्य में ‘हमारा संघ, हमारा दायित्व’ विषयक कार्यशाला का आयोजन श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, सेलम द्वारा किया गया। मुनि श्री दीप कुमार जी ने कहा कि तेरापंथ महान धर्मसंघ है इसके प्रत्येक सदस्य का दायित्व बहुत महत्वपूर्ण है। तेरापंथ के प्राण आचार्य भिक्षु हैं। उन्होंने शुद्ध आचार, शुद्ध विचार के आधार पर तेरापंथ का निर्माण किया। उन्होंने मर्यादाओं का निर्माण कर संघ को शक्तिशाली बनाया। स्वामी जी ने पांच बातों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया। स्थिर श्रद्धा, उन्नत आचार, व्यवस्था, अनुशासन और एक नेतृत्व। मुनिश्री ने तेरापंथी कौन इस पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। मुनिश्री ने आगे कहा कि संघ के प्रति इसके प्रत्येक सदस्य का दायित्व है कि वह संघ सेवा में स्वयं को समर्पित करें। श्रावक समाज ने भी संघ की बहुत सेवाएं की है। संगठन की दृष्टि से श्रावक समाज का बहुत महत्व है। हम सबका दायित्व है कि पूज्य गुरुदेव आचार्यश्री महाश्रमण जी का जो भी इंगित मिले उस अनुसार हमारे चरण आगे बढ़ें।
मुनि श्री काव्य कुमार जी ने कहा कि तेरापंथ के पीछे नियति का, सन्मार्ग का, जिनवाणी का, बुद्धि का, शुद्ध का और आचार्य भिक्षु के पुण्य का बाल था। इन सारे बलों ने एक वेग उत्पन्न किया और तेरापंथ विकास के मार्ग पर अग्रसर हुआ। तेरापंथी सभा, सेलम के मंत्री प्रवीण जी बोहरा ने आगामी सूचनाएं दी।
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