मुनि श्री अर्हत कुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में भगवान पार्श्व जन्म कल्याणक दिवस समारोह तेरापंथ भवन, नागपुर में दिनांक 25 दिसंबर, 2024 को सुबह 7.30 बजे आयोजित किया गया। मुनिश्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ वो अलौकिक ज्योति है जिसका प्रकाश आज भी अनेक राहों को प्रकाशित करता है। वाराणसी में अवतारित हुए भगवान पार्श्व ने यौवन अवस्था में संसार का त्याग कर संन्यास का पथ स्वीकार कर लिया। कमठ द्वारा दिए गए उपसर्गों को समतामय बनकर सहन कर केवल ज्ञान रूपी ज्योति को प्राप्त किया।
हम भगवान पार्श्व के जप द्वारा एवं ध्यान से स्वयं को परमात्मा के पथ पर आग्रह करते रहे। उनके जन्म कल्याणक पर बहुत श्रावक-श्रविकाएँ उपवास, बेला, तेला के साथ जप अनुष्ठान भी करते हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में भगवान पार्श्व का जप अनुष्ठान भी मुनिश्री द्वारा करवाया गया। जिसमें भाई-बहनों ने उत्साह के साथ जप किया। पार्श्व स्तुति गीतों का सामूहिक संगान भी किया गया। तेरापंथ सभा, तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के पदाधिकारी गण एंव श्रावक समाज की उपस्थिति अच्छी रही। मुनिश्री के मंगलपाठ द्वारा कार्यक्रम संपन्न किया गया।
