अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार तेरापंथ भवन में तेरापंथ महिला मंडल, इरोड के तत्वावधान में प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रेक्षाध्यान ट्रेनर मोहनलाल जी बोथरा और श्रीमती वीणा देवी बोथरा ने केंद्र द्वारा प्रदत समय सारणी के अनुरूप कार्यशाला का समायोजन किया। कार्यक्रम में महिला मंडल की बहनों ने प्रेक्षाध्यान गीत का संगान किया। महिला मंडल की मंत्री पूनम दुगड ने सभी का स्वागत किया।
प्रेक्षाध्यान के प्रशिक्षक वीणा देवी बोथरा ने ध्यान का अर्थ, इतिहास एवं जीवन शैली का महत्व बताते हुए कहा कि ध्यान का अर्थ है-स्वयं को देखना। जो व्यक्ति स्वयं को देख सकता है वह ध्यान की गहराइयों में उत्तर सकता है। उन्होंने जीवन जीने की कला को सरल और प्रभावी तरीके से समझाया। समताल श्वास प्रेक्षा को कराते हुए उनके महत्व को समझाया। ध्यान के वैज्ञानिक एवं आध्यात्मक लाभ को बताते हुए दीर्घ श्वास प्रेक्षा का प्रयोग करवाया। तत्पश्चात 10 मिनिट के विराम के बाद ट्रेनर मोहनलाल जी बोथरा ने कायोत्सर्ग के आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व को समझाते हुए ध्यान की क्रिया को बताया और कहा कि आप सभी अपने श्वास को देखने का प्रयास करें। वीणा जी ने सम्पूर्ण कायोत्सर्ग का प्रयोग करवाया। अंतिम चरण में प्रेक्षा चर्या के सूत्रों का स्पष्टीकरण करते हुए, सभी की जिज्ञासाओं का समाधान दिया।
सभा पदाधिकारियों द्वारा मोहनलाल जी बोथरा का सम्मान किया गया। तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा पिंकी जी भंसाली ने वीणा देवी बोथरा का सम्मान किया। कार्यक्रम में कुल 60 सदस्यों की उपस्थिति रही। महिला मण्डल अध्यक्षा पिंकी भंसाली एवं मंत्री पूनम दुगड़ के प्रयासों से कार्यशाला सफल रही।
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