मुनिश्री डॉ. पुलकित कुमारजी, सहवर्ती मुनिश्री आदित्य कुमारजी ठाणा-2 के मंगल सान्निध्य में विश्व ध्यान दिवस तथा प्रेक्षाध्यान कल्याण वर्ष के अंतर्गत प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ भवन, जयसिंगपुर में किया गया।
मुनिश्री डॉ. पुलकित कुमार जी ने कार्यशाला के प्रथम चरण में सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रेक्षाध्यान जहां अध्यात्म में गति-प्रगति का साधन है, वहीं चिकित्सा पद्धति के रूप में भी विख्यात हो रहा है। आचार्यश्री महाप्रज्ञजी द्वारा युग को यह महान देन है। विश्वध्यान दिवस पर यहां उपस्थित जन समुदाय प्रेक्षावाहिनी तथा प्रेक्षा फाउंडेशन में जुड़कर जीवन की समस्याओं का समाधान प्राप्त करने का प्रयास करें। मुनिश्री ने दीर्घश्वास प्रेक्षा का प्रयोग करवाया। कार्यशाला के द्वितीय चरण में नचिकेता मुनिश्री आदित्य कुमारजी ने ध्यान प्रयोग करवाते हुए प्रेक्षाध्यान के महत्व को उजागर किया। प्रेक्षा साधक विजयसिंह रुणवाल ने लेश्याध्यान तथा कायोत्सर्ग का प्रयोग करवाया।
प्रेक्षा इंटरनेशनल के कार्यकारिणी सदस्य विकास सुराणा ने प्रेक्षा एप्प एवं प्रेक्षावाहिनी की जानकारी दी। तेरापंथ सभा अध्यक्ष बहादुर बरडिया, तेयुप अध्यक्ष स्वप्निल संचेती ने विचार रखे। महिला मण्डल द्वारा प्रेक्षा गीत का संगान किया गया। कार्यक्रम का संचालन संगीता बाफना ने किया। प्रथम एवं द्वितीय चरण में कुल 72 सदस्यों ने प्रेक्षाध्यान का प्रयोग किया। मुनिश्री की प्रेरणा से जयसिंहपुर तेरापंथ भवन में प्रेक्षावाहिनी की क्लास प्रारंभ करने का 21 भाई-बहनों ने संकल्प लिया।
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