अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में तेरापंथ महिला मंडल, विजयनगर द्वारा साध्वी श्री उदितयशा जी ठाणा-4 के पावन सान्निध्य में प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ महिला मंडल द्वारा प्रेक्षाध्यान गीत के संगान के साथ हुआ। महिला मंडल अध्यक्ष मंजू गादिया ने सभी का स्वागत एवं अभिनंदन किया। साध्वी श्री उदितयशा जी ने कहा कि ध्यान क्यों किया जाता है, कैसे किया जाता है। ध्यान ज्ञान का अर्थ है आंखें बंद करके अपने भीतर झांकना और स्वयं को जानना। ध्यान के आलंबन से व्यक्ति भीड़ में भी अकेला स्वयं के भीतर झांक सकता है।
साध्वी श्री संगीतश्री जी ने बताया कि ध्यान का कोई निश्चित समय नहीं होता यह कभी भी कहीं भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को काम के बाद रिलैक्स होने के लिए 7 मिनट का ध्यान प्रतिदिन अवश्य करना चाहिए। कई लोग आराम के लिए टीवी, मोबाइल इत्यादि का प्रयोग करते हैं किंतु इसे तनाव दूर नहीं होता क्योंकि यह वह नहीं दे सकते जो हमारे दिमाग को चाहिए होता है। तनाव दूर करने के लिए श्वास प्रेक्षा करनी चाहिए। साध्वी श्री जी ने कहा कि मेडिटेशन ज्यादा करें मेडिकेशन कम करें। साध्वी श्री शिक्षाप्रभा जी ने प्रेक्षाध्यान के विभिन्न प्रयोग करवाएं तथा सुमधुर गीतिका का संगान भी किया।
कार्यशाला का कुशल संचालन उपाध्यक्ष सुमित्रा बरडिया ने किया। कार्यक्रम में सभा अध्यक्ष मंगल जी कोचर, मंडल की सभी पदाधिकारी तथा श्रावक-श्राविकाओं अच्छी उपस्थिति रही। कार्यशाला में सीपीएस के ट्रेनर और उपासक श्री अरविंद जी, टी.पी.एफ. के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिम्मत जी, तेयुप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पवन जी मांडोत का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।