आचार्य श्री भिक्षु समाधि स्थल संस्थान (सिरियारी) में प्रेक्षाध्यान कल्याण वर्ष के अन्तर्गत भिक्षु आराध्यम् में मुनिश्री धर्मेशकुमारजी के मार्गदर्शन में तीसरे माह का यह तीसरा प्रेक्षाध्यान शिविर का आयोजन हुआ। इस शिविर में अनेक क्षेत्रों से कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, राजस्थान, गुजरात, बंगाल आदि क्षेत्रों से लगभग 26 शिविरार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। शिविर में आसन, प्राणायाम एवं ध्यान के विविध प्रयोग करवाए गए।
मुनिश्री धर्मेशकुमारजी ने अपने प्रशिक्षण काल में अनेक प्रयोग करवाते हुए अपने अनुभवों के आधार पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि साधना का मुख्य लक्ष्य आत्मशांति की अनुभूति करना है। द्वन्द्व से निर्द्वन्द्व बनना है। आप निरन्तर इस दिशा में गतिशील रहें।
मुनि चौतन्य कुमार ‘अमन’ ने अपने अर्हगीत का संगान करते हुए भावपूर्ण विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर संस्थान के उपाध्यक्ष उतमचंदजी सुखलेचा ने सभी शिविरार्थियों का प्रमाण पत्र एवं साहित्य प्रदान कर बहुमान किया। संस्थान की तरफ से व्यवस्थापक महावीर सिंहजी ने सभी का आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन स्वस्तिक कुमारजी की देख-रख में हुआ और आगे की शिविर की जानकारी देते हुए उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह संदेश पहुंचाने की बात कही।
