मुनिश्री देवेन्द्र कुमार जी व तपोमूर्ति मुनि श्री पृथ्वीराज जी ठाणा-3 के सान्निध्य में शहीद शमशेर सिंह राजकीय विद्यालय में संस्कारशाला कार्यक्रम का आयोजन किया। मुनि श्री देवेंद्र कुमार जी ने प्रेक्षाध्यान का परिचय देते हुए बच्चों के मानिसक विकास हेतु श्वास प्रेक्षा, महाप्राण ध्वनि व हस्त मुद्रा के प्रयोग करवाए। बच्चों ने बहुत रुचि के साथ सभी प्रयोग सीखे।
मुनि श्री देवेंद्र कुमार जी ने कहा कि संस्कार दो तरह के होते हैं-जन्मजात और अभ्यास से प्राप्त। जन्मजात संस्कार वे होते हैं जो किसी व्यक्ति के जन्म के साथ उसके भीतर होते हैं, जैसे कि कुछ स्वाभाविक गुण और प्रवृत्तियाँ। वहीं अभ्यास से प्राप्त संस्कार वे होते हैं जिन्हें हम अपने कार्यों, आदतों और मानसिकता से विकसित करते हैं। सद्गुरु से मिलकर प्राप्त संस्कार व्यक्ति को सही दिशा में मार्गदर्शन करते हैं और जीवन में सच्चे ज्ञान की प्राप्ति की ओर अग्रसर करते हैं। स्कूल प्राचार्य व स्टाफ सभी ने मुनिश्री का स्वागत किया। भिवानी सभा अध्यक्ष सन्मति जैन जी ने स्कूल प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
