आचार्य श्री भिक्षु समाधि स्थल संस्थान, सिरियारी के भिक्षु आराध्यम में आयोजित तृतीय मासिक शिविर का आयोजन हुआ। इस अवसर पर प्रेक्षागीत के संगान से मंगलाचरण किया गया। तत्पश्चात् मुनि चौतन्य कुमार ‘अमन’ ने शिविरार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन को टिकाने का आधारभूत तत्त्व है-भोजन और पानी। किन्तु सर्वाधिक महत्वपूर्ण है हमारा श्वास-प्रश्वास। भोजन पानी के बिना कुछ समय के लिए जीवन को टिकाया जा सकता है किन्तु श्वास के बिना जीवन को टिकाए रखना असंभव होता है। प्रेक्षाध्यान के प्रयोग में श्वास और विश्वास से किए गए प्रयोग सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। अतः प्रत्येक साधक विश्वास के साथ प्रयोग करे तो अवश्य लाभ प्राप्त कर सकता है।
मुनि धर्मेशकुमारजी शिविर का मार्गदर्शन करते हुए अपने संबोधन में कहा कि शिविर साधना का लक्ष्य जीवन में निर्धारित लक्ष्य की ओर विकास करना। शिविर में आन्तरिक शक्तियों को जागृत करना। शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक स्वास्थ को स्वास्थ रखते हुए व्यक्ति अनेक प्रयोगों के द्वारा विशेष उपलब्धि हासिल करना जिससे वह अध्यात्म के क्षेत्र की ओर अधिक से अधिक विकास कर सके। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्थान की ओर से स्वस्तिक जैन ने विचार प्रस्तुत किए।
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