मुनि श्री जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में तथा तेरापंथ युवक परिषद, साउथ हावड़ा के तत्वावधान में प्रेक्षा विहार में दम्पत्ति शिविर का आयोजन हुआ। जिसमें अनेक दम्पतियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर मुनिश्री जिनेश कुमार जी ने कहा कि दाम्पत्य जीवन में खुशहाली के लिए जीवन में सहिष्णुता, समर्पण, सामंजस्य, सेवा, सहयोग, स्नेह, श्रद्धा आदि के भाव होने चाहिए। पति पत्नी एक-दूसरे के सुख दुख में भागी दार बने। विचारों को मान सम्मान दे। व्यक्तिगत कार्य में हस्तक्षेप न करे। एक-दूसरे के प्रति अहोभाव रहे। मुनिश्री ने आगे कहा कि मनुष्य व्यसन और औरत फैशन छोड़े तो घर में शांति का साम्राज्य स्थापित हो जायेगा। मुनिश्री ने आगे कहा कि सहिष्णुता से शक्ति का संवर्धन होता है जो सहता है वह रहता है शेष गिर जाते के व्यक्ति को हर समय सहिष्णुता की साधना करनी चाहिए क्योंकि सहिष्णु व्यक्ति सफलता को प्राप्त होता है। जो अधीर होता है या छोटी छोटी बातों में जो उलझ जाता है वह संबंधों को मधुरता की बजाय कटुता में परिणत कर लेता है। सहित सामजस्य व सौहार्द पूर्ण जीवन जीवन में स्नेह उडेलता है और वातावरण को रसमय बना देता है।
मुनिश्री ने कहा कि दुनिया में अनेक रिश्ते हैं उनमें महत्वपूर्ण रिश्ता है दम्पति का रिश्ता। इस अवसर पर उपासक जबर दुगड़ ने विचार रखे। स्वागत भाषण तेरापंथ युवक परिषद, साउथ हावड़ा के मंत्री अमित बेगवानी व मंगलाचरण एवं संचालन मुनि श्री कुणाल कुमार जी ने किया। प्रदीप जी पुगलिया ने व चन्द्रकांता बाई विचार रखे।
