साध्वी श्री लब्धियशा जी ठाणा-3 के सफलतम एवं प्रभावशाली प्रवास और चातुर्मास की संपन्नता पर भिक्षु बोधि स्थल राजसमन्द द्वारा मंगल भावना समारोह का कार्यक्रम तीन चरणों में आयोजित किया गया। प्रथम चरण दिनांक 14 नवंबर, 2024 को शाम को, द्वितीय चरण दिनांक 15 नवम्बर, 2024 सुबह एवं तृतीय चरण दिनांक 15 नवम्बर, 2024 को शाम को भिक्षु बोधि स्थल में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ साध्वीश्री जी ने नमस्कार महामंत्र के मंगल उच्चारण से किया। साध्वीश्री जी ने कहा कि साधु-साध्वियां जब भी जहां भी जाते हैं वहां अध्यात्म की बसंत बहार आती है। चातुर्मास का समय निकट आते ही जन-जन के मन में अध्यात्म के प्रति श्रद्धा व भक्ति भावों का संचार होता है। त्याग, तपस्या एवं ज्ञान आराधना करने से भावना जागृत होती है। साधु-साध्वियों के मुख से अर्हत वाणी श्रवण करने को मिलती है। प्रेरणादाई प्रवचन सुनने से जीवन की दिशा एवं दशा बदलती है। कहा जाता है त्यागी वैरागी साधु-संतों के दर्शन से उनके पवित्र आभामंडल में जाने से मन व भाव पवित्र होते हैं। प्रवचन श्रवण से नए-नए ज्ञान की प्राप्ति होती है। अशुभ कर्मों की निर्जरा होती है और शुभ कर्म का बंद होता है। साध्वीश्री जी ने आगे कहा कि गुरु निर्देश के अनुसार हम राजनगर भिक्षु स्वामी की बोधि भूमि (नगरी) में चातुर्मास करने आए। पूरे श्रावक समाज ने प्रवचन, सेवा, उपासना, कार्यक्रम आदि सभी में बड़े उत्साहपूर्वक भाग लेकर पूर्ण सफल बनाया। इस सफलता के पीछे सबसे बड़े गुरु का आशीर्वाद होता है, कृपा होती है। श्रावकों की उपस्थिति अच्छी होती है, साधु-संतों को काम करने का आनंद आता है। यहां का श्रावक समाज संघ के प्रति, साधु-संतों के प्रति, अध्यात्म के प्रति, आस्थाशील विनयशील समर्पित है। श्रावक श्राविका समाज में धार्मिक लगन है, पूर्ण दायित्वशील समाज है, तेरापंथ सभा, युवक परिषद, महिला मंडल, कन्या मंडल, किशोर मंडल, ज्ञानशाला, अणुव्रत समिति आदि सभी संस्थाएं बड़ी जागरूक संस्थाएं हैं। जो भी समय-समय केंद्र द्वारा निर्धारित एवं अन्य सभी कार्यक्रम बड़े व्यवस्थित रूप से संपादित करती है। सभी भाई-बहन उनमें उत्साहपूर्वक भाग लेकर कार्यक्रम को पूर्ण सफलता का अंजाम देते हैं। इस अवसर पर साध्वी श्री लब्धियशा जी, साध्वी श्री गौरवप्रभा जी व साध्वी श्री कौशलप्रभा जी ने गीत एवं मंगल उद्बोधन द्वारा अपनी अभिव्यक्ति दी।
भिक्षु बोधि स्थल अध्यक्ष श्रीमान हर्षलालजी नवलखा, सभा के कार्यवाहक अध्यक्ष श्रीमान शांतिलाल जी कोठारी, उपाध्यक्ष श्रीमान अनिल जी बडोला एवं श्रीमान महावीर जी धोका, सहमंत्री श्रीमान भूपेश जी धोका एवं यशवंत जी चपलोत, सभा के पूर्व अध्यक्ष श्रीमान ख्यालीलाल जी चपलोत, पूर्व मंत्री श्रीमती मंजू जी बडोला, महिला मंडल अध्यक्षा श्रीमती सुधा जी कोठारी, अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्या श्रीमती डॉ. नीना जी कावड़िया, महिला मंडल मंत्री श्रीमती चेष्टा जी धोका, उपाध्यक्ष श्रीमती सीमा जी चपलोत, महिला मंडल की पूर्व अध्यक्षा श्रीमती डॉ. सीमा जी कावड़िया, कन्या मण्डल की कन्याओं द्वारा गीत, महिला मंडल की बहनों द्वारा गीत, कन्या मण्डल प्रभारी श्रीमती ऋतु जी धोका ज्ञानशाला की बहनों द्वारा गीतिका, तेयुप अध्यक्ष श्रीमान विकास जी मादरेचा, तेयुप मंत्री श्रीमान प्रमोद जी कावड़िया आदि पदाधिकारियों ने साध्वीश्री जी के प्रति कृतज्ञता, खमतखामना के साथ अपनी भावनाएं कविता, गीतिका व अपने वक्तव्य के माध्यम से व्यक्त की। संघ के अनेक श्रावक-श्रविकाओं ने भी साध्वी परिवार के प्रति अपनी भावनाएँ व्यक्त की और उनसे खमतखामना करी।
प्रथम चरण में कार्यक्रम का संयोजन श्रीमान महावीरजी धोका, द्वितीय चरण में कार्यक्रम का संयोजन श्रीमान भूपेश जी धोका एवं तृतीय चरण में कार्यक्रम का संयोजन श्रीमती सीमा जी चपलोत द्वारा किया गया। श्रावक-श्रावकों की उपस्थिती सराहनीय रही। मंगल पाठ से कार्यक्रम सानंद संपन्न हुआ।
दिनांक 16 नवंबर, 2024 को प्रातः 8ः15 बजे परदेसी राजा का व्याख्यान हुआ। मंगल पाठ सुनाया गया व प्रातः 9ः09 बजे साध्वी परिवार द्वारा मंगल विहार किया गया। श्रावक एवं श्राविकाओं की अच्छी उपस्थिति रही।
