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मंगलभावना समारोह का आयोजन: केलवा

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शासनश्री मुनि श्री रविंद्र कुमार जी एवं मुनि श्री अतुल कुमार जी के सान्निध्य में चातुर्मास की संपन्नता पर तेरापंथ समाज की ओर से मंगलभावना समारोह आयोजित हुआ। मुनि श्री अतुल कुमार जी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि किसी के दुख में दुखी होना धर्म है और किसी के सुख और आगे बढ़ने में सुखी होना परम धर्म है। दुख में दुखी होने वाले अनजान भी मिल जाएंगे लेकिन आपके सुख में प्रायः अपने भी सुखी नहीं होते। संसार में हर इंसान ख़ुद के लिए जी रहा है। लोगों ने पड़ोसी से नाता रखना भी बंद कर दिया है। लेकिन ध्यान रहे यह इंसानियत नहीं।जो इंसान दूसरों को दुःखी देखकर खुशियां मनाते हैं वो दैत्य के समान हैं।
मुनि श्री ने आगे कहा कि एकदम से हार्ट अटैक नहीं आता और ना ही कैंसर, स्ट्रोक या डायबिटीज होती है। जैसे-जैसे मनुष्य के दिमाग में नकारात्मक और बुरे विचार डेरा जमाने लगते हैं तब जहरीले स्राव बनते हैं। भावनाओं का असर धीरे-धीरे शरीर पर आने लगता है। बार-बार क्रोध करने से लीवर कमजोर होने लगता है। दुखी रहने से फेफड़े कमजोर होते हैं। चिंता करने से पेट कमज़ोर होता है। तनाव रखने से दिमाग कमजोर होता है और डर में जीने से किडनी कमजोर होने लगती है। इसलिए जरूरी है अपने विचार, भावनाओं और इरादों को कंट्रोल में रखना। कुछ लोग किसी का सुख देखकर उसके प्रति या तो ईर्ष्यालु हो जाते हैं या फिर क्रोध भाव से अभिभूत होकर अकारण ही सुखी व्यक्ति को हानि पहुंचाने का प्रयास करने लग जाते हैं। व्यक्ति को दूसरे का सुख और समृद्धि अधिक दिखती है और अपनी कम। अपनी उपलब्धि से असंतुष्ट रहने वाला व्यक्ति पराई उपलब्धि से जलता रहता है या उस पर हस्तक्षेप करता रहता है। इससे अनेक उलझनें सामने आती हैं। वह हर तरह से सुखी और संपन्न होने पर भी दुखी और दरिद्र प्रतीत होता है। इसी कारण समस्याओं से भी घिरा रहता है। सुखी होने का बहुत सरल फार्मूला है-संतुष्ट होना। मुनिश्री ने कहा कि दूसरे की प्रगति के प्रति जलन और ईर्ष्या मानवीय दुर्बलता है। इसी दुर्बलता ने न जाने कितनी बार मनुष्य को आपसी नफरत और द्वेष की लपटों में झोंका है। अच्छे-भले रिश्तों में इसी कारण दरारें पड़ती हैं और इसी कारण मनुष्य दुखी व अशांत हो जाता है। मुनि श्री रविंद्र कुमार जी ने मंगल पाठ सुनाया। मंगलाचरण महिला मंडल ने विदाई गीत से किया। भिक्षु विहार अध्यक्ष नरेंद्र कोठारी, सभा अध्यक्ष प्रकाश बोहरा, मंत्री ललित मेहता, उपाध्यक्ष पूरण गांग, सहमंत्री मुकेश कोठारी, महिला मंडल अध्यक्ष नीरू कोठारी, उपाध्यक्ष रत्ना कोठारी, मंत्री भावना बोहरा, युवक परिषद अध्यक्ष दीपक कोठारी, ज्ञानशाला संयोजिका मीना चपलोत, विनोद कोठारी, विमला चपलोत, शांता देवी मादरेचा, कंचन देवी मेहता ने विचार रखे। सभा उपाध्यक्ष पूरण गांग ने आभार व्यक्त किया। संचालन सहमंत्री मुकेश कोठारी ने किया। कार्यक्रम में काफी अच्छी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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