मुनिश्री अनंत कुमार जी के भुज चातुर्मास कि परी संपन्नता पर तेरापंथ समाज द्वारा मंगल भावना समारोह का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ महिला मंडल के मंगलाचरण के द्वारा हुआ। मंगल भावना कार्यक्रम में तेरापंथ सभा के अध्यक्ष वाडीलाल मेहता ने मुनिश्री के चातुर्मास को ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय चातुर्मास बताया। महिला मंडल की बहनों द्वारा एक रोचक प्रस्तुति के माध्यम से संपूर्ण चातुर्मास की सीद्धियां का वर्णन किया गया। ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा परी संवाद के माध्यम से चातुर्मास की उपलब्धियां को बनाया गया।
कार्यक्रम में तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष महेश भाई गांधी आचार्य महाश्रमण मर्यादा महोत्सव व्यवस्था समिति के स्वागत अध्यक्ष नरेंद्र भाई मेहता अनुव्रत समिति के मंत्री महेश भाई मेहता एवं समाज के हितेश भाई मेहता, राज पार भाई, प्रभु भाई मेहता, धीरज भाई मेहता भरत भाई बाब रिया महासभा की ओर से हसमुख भाई मेहता शांति भाई जैन स्वाति संघवी बिना दोषी एवं कन्या मंडल के द्वारा अपने विचार प्रस्तुत किए गए सब वक्ताओं ने मुनिश्री के चातुर्मास को सफलतम चातुर्मास बताया। यह कार्यक्रम रात्रि में 9ः00 बजे शुरू हुआ जो लगभग 3 घंटे तक चला फिर भी लोगों की भावना समाहित नहीं की जा सकी। मुनि श्री विपुल कुमार जी ने अपने दीक्षा के बाद न्यारा में प्रथम चातुर्मास के अपने अनुभव बताएं। मुनि श्री अनंत कुमार जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुरुदेव की कृपा से व मंत्री मुनि श्री के आशीर्वाद से यह चातुर्मास में हमें कुछ करने का अवसर मिला और हमने करने का प्रयास किया। मेरे लिए सबसे विशेष बात सहज सुखद सहयोग था कि जहां पर बैठा रहता वहीं से सामने परम पूज्य आचार्यप्रवर के आशीर्वाद युक्त फोटो के दर्शन होते उनकी कृपा से आशीर्वाद से यह चातुर्मास को हमने हम दोनों संतो ने कुछ कार्य करने का प्रयास किया। लोगों के अंदर धार्मिक चेतना जगाने का प्रयास किया। अगले वर्ष सन 2025 में परम पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी का गुजरात की धरती पर प्रथम मर्यादा महोत्सव भुज में होने जा रहा है उस महोत्सव को सफल बनाने के लिए सब लोग उत्साहित हैं, तन-मन और धन से समर्पित हैं अतः मुझे विश्वास है कि यह मर्यादा महोत्सव ऐतिहासिक बनेगा। संतो के जीवन की यह एक साधन है की चातुर्मास के चार महीने एक जगह पर रहे और शेष समय में विचरण करते रहे। आपकी मंगल भावना हमारे जीवन में भी अध्यात्म के विकास का मार्ग बने हम भी संघ और संघ प्रति के प्रति समर्पित रहते हुए यद् किंचित अपनी साधना के साथ धर्मशासन की जैन शासन की सेवा कर पाए यह काम्य है। भुज मेरे जीवन में स्वतंत्र रूप से जिम्मेदारी के साथ यह प्रथम चातुर्मास था, इसलिए एक तरफ तो कुछ कर दिखाने का मन था तो दूसरी तरफ अपने ही लोगों के बीच में करने में कुछ झिझक भी थी पर मंत्री, मुनिश्री एवं गुरुदेव की कृपा से मैं कह सकता हूं कि यह चातुर्मास अच्छी तरह से संपन्न हुआ। भुज के श्रावक समाज ने जागरूकता के साथ अपना दायित्व निभाया। आभार ज्ञापन सभा के मंत्री, सहमंत्री भारत भाई मेहता ने किया। कार्यक्रम का संचालन सभा के मंत्री धनसुख भाई कुबडिया एवं युवक परिषद के मंत्री आदर्श संघवी ने किया। लोगों की उपस्तिथि से भवन का हॉल भर गया था।
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