मुनि श्री देवेंद्रकुमार जी, तपोमूर्ति मुनि श्री पृथ्वीराज जी आदि ठाणा-4 के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, भिवानी में मंगल भावना का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण से किया गया। मुनिश्री देवेंद्र जी स्वामी ने अपने अद्बोधन में कहा कि चातुर्मास में जो आगमवाणी सुनाई गई अगर उसको आत्मसात कर लिया जाए, तो वह सुख समाधि प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया सभी के सहयोग से चातुर्मास सफल हुआ है। तपोमूर्ति मुनि श्री पृथ्वीराज जी स्वामी ने अपने वक्तव्य में कहा कि गुरुदेव का जहां पर आशीर्वाद होता है वहां पर चातुर्मास सफलतम होता है। जैसे नदी का पानी सब को तृप्त करता है वैसे ही साधु भी सबको तृप्त करता है। जहां अनुशासन है, वहां मर्यादा है। मुनि श्री आर्जव कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। उन्होंने बताया कि जैसे बहनों को हार प्रिय होता है वैसे ही संतो को विहार प्रिय होता है। संतों के विहार के उपरांत भवन में ताला और अंदर में जाला न लगे ऐसा प्रयास होना चाहिए।
मुनि श्री जिज्ञासुकुमार जी ने छोटे-छोटे त्याग करने की प्रेरणा प्रदान की और बताया कि ध्यान करने से भीतर के रत्न भी मिल सकते है। कार्यक्रम का कुशल संयोजन प्रवक्ता उपासिका मधु जी जैन ने किया। मुनिश्री के प्रति मंगल भावना व्यक्त करने में जीवन विज्ञान योग ध्यान ट्रस्ट के अध्यक्ष शिवरतन जी गुप्ता, भिवानी के वरिष्ठ श्रावक सुरेंद्र जी जैन एडवोकेट, तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सन्मती कुमार जैन, मंत्री विकास जैन, सभा के परामर्शक विजय जैन, मानकचंद नाहटा, महेन्द्र जैनविजय नाहटा, टीपीएफ मंत्री सौरभ जैन, गोपाल जैन, केशवचंद जैन, महिला मंडल अध्यक्ष सीमा जैन, मंत्री संस्कृति जैन, प्रेक्षावाहिनी संयोजिका मंजू जैन, कन्या मंडल प्रभारी आरती जैन, ज्ञानशाला मुख्य प्रक्षिशिका रेनू नाहटा, सुषमा जैन, सुनीता नाहटा, वनीता जैन, समृद्धि जैन आदि ने अपनी मंगल भावनाएं व्यक्त की। कार्यक्रम में अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।