मुनिश्री रमेशकुमार जी, सहवर्ती मुनि रत्न कमार जी ने नेपाल की राजधानी काठमाण्डौ में अपना प्रथम अन्तरराष्ट्रीय सफलतम स्वर्णिम चातुर्मास की सम्पन्नता पर तेरापंथ सभा द्वारा आचार्य महाश्रमण सभागार में आभार अभिव्यक्ति (मंगल भावना) समारोह का आयोजन गुरुवार रात्रि में आयोजित हुआ।
इस समारोह में काठमाण्डौ के पूरे जैन समाज की अनेकानेक संस्थाओं के पदाधिकारीगण एवं पूरा जैन समाज उपस्थित हुआ।
जैन समाज की मंगल भावना को सहर्ष स्वीकार करते हुए मुनिश्री रमेशकुमार जी ने कहा कि आचार्य श्री महाश्रमण जी के आदेशानुसार हमने नेपाल की राजधानी काठमाण्डौ में चातुर्मास किया। हमारे जीवन का यह पहला अंतर्राष्ट्रीय चातुर्मास है। तेरापंथ सभा के नेतृत्व में समाज की सभी संस्थाओं एवं पूरे जैन समाज ने भी इस चातुर्मास को सफल बनाने अपनी उल्लेखनीय सेवाएं समर्पित की है। आपने आगे कहा कि भगवान महावीर जैन निकेतन का भवन साताकारी रहा। तेरापंथ सभाध्यक्ष सुभागमल जी जम्मड की अविस्मरणीय सेवाएं हमें व पूरे समाज को मिली है। आपने इस चातुर्मास में विशेष सेवाएं देने वाले अनेकानेक श्रावक-श्राविकाओं का नामोल्लेख भी किया।
मुनिश्री रत्नकुमार जी इस अवसर पर कहा कि इस सफलतम चातुर्मास के पीछे परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमण जी की शक्ति रही। ऐसा मेरा मानना है। मैं पूरे चातुर्मास का लेखा-जोखा प्रस्तुत करुं तो एक बडी फाइल बन जायेगी।
इससे पूर्व तेरापंथ महिला मंडल द्वारा सुमधुर गीत से मंगल भावना गीत से मंगलाचरण किया। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सुभागमल जी जम्मड ने चातुर्मास फरमाने से लेकर चातुर्मास सम्पन्नता तक आयोजित संघ प्रभावना बढाने वाले सभी कार्यक्रमों की जानकारी दी। आपने आगे कहा कि समाज का, सभी संस्थाओं के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं का भरपूर सहयोग मुझे मिला। भविष्य में भी मिलता रहेगा।
भगवान महावीर जैन निकेतन के अध्यक्ष लोकमान्य जी गोलछा, नेपाल स्तरीय तेरापंथ सभा के अध्यक्ष दिनेश कुमार जी नौलखा, नेपाल जैन परिषद के अध्यक्ष विमल जी राखेचा, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष संदीप जी भटेरा, दिगम्बर समाज के अध्यक्ष सुभाष जी जैन, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती निशा जैन, नेपाल जैन महिला मंडल की अध्यक्षा एकता जैन ज्ञानशाला की मुख्य संयोजिका श्रीमती नेहा नौलखा, अणुविभा के सदस्य ज्योति कुमार जी बेंगानी ने अपनी अपनी संस्थाओं के माध्यम से हुये कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए अपने भावों की प्रस्तुति दी।
जैन समाज रत्न किशनलाल जी दुगड़ ने सफलतम चातुर्मास सम्पन्नता पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते जानकारी दी जैन विश्व भारती लाडनूं में अपनी ओर से पांच हजार वृक्षारोपण किया जायेगा।
कालूराम जी दूगड़, नौरतनमल जी चौरडिया, आचार्य श्रीमती रश्मि धाडेवा, वैभव जैन, मयंक जैन आदि वक्ताओं ने मुनिद्वय के प्रति समर्पित भाव से अपने विचारों की प्रस्तुति में चातुर्मास की सफलता के बारे बताया। मोतीलाल जी दूगड़ ने भी भावपूर्ण मधुर स्वरों, बाल गायिका आराध्या गोलछा, राकेश जी बाफना श्रीमती कनक भंसाली आदि ने हृदय को छू लेने वाले सुमधुर स्वरों से मंगलभावना गीतों को पेश किया। श्रीमती समता भूतोडिया ने कविता के माध्यम से अपने भावों को प्रस्तुत किया। तेरापंथ महिला मंडल ने राजस्थानी भाषा में बहुत ही मार्मिक, नये तरीके से परिसंवाद के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी। तेरापंथ कन्या मंडल ने भी मंगल भावना पर बहुत सुन्दर परिसंवाद प्रस्तुत किया। तेरापंथ सभा की ओर से पूर्व अध्यक्ष महावीर जी संचेती और निर्मल जी सेठिया का आचार्य महाश्रमण जी का आकर्षक चित्र भेंट कर सम्मानित किया। श्रीमती सुमन कोठारी ने कुशलतापूर्वक संचालन किया।
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