आचार्य श्री भिक्षु समाधि स्थल संस्थान, सिरियारी में भिक्षु भक्ति का विशेष कार्यक्रम एवं साथ ही आचार्य महाप्रज्ञ अलंकरण दिवस जीवन विज्ञान दिवस के रूप में मुनिश्री चौतन्य कुमार जी ‘अमन’ के निर्देशन व मुनिश्री प्रतीककुमारजी के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ। संगायक कमल छाजेड़ ने इस अवसर पर विशेष रूप से संघ गीतों का संगान कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। मुनिश्री चौतन्य कुमार जी ‘अमन’ का आज 47वां दीक्षा था। मुनिश्री चौतन्य कुमार जी ‘अमन’ ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारतीय परम्परा में गुरु का सर्वाधिक महत्त्व होता है। तीर्थंकरों का प्रतिनिधित्व गुरु करते है। क्योंकि वे तीर्थंकर भगवान के प्रतिनिधि होते है। मेरा सौभाग्य है कि मुझे भैक्षव शासन में 46 वर्ष पूर्व गुरूदेव तुलसी से दीक्षित होकर साधु संस्था में प्रवेश मिला। आचार्य महाप्रज्ञ ने जीवन विज्ञान का अवदान देकर बाल पीढ़ी के लिए महान उपकार किया। जिससे बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कारित होने का मौका मिल रहा है।
मुनि अमन ने आगे कहा कि यहां प्रवास कर रहे मुनिश्री मणिलालजी, मुनिश्री मुनिव्रतजी का मुझे आशीर्वाद प्राप्त हुआ। मुनिश्री धर्मेशकुमारजी, मुनिश्री गिरिशकुमारजी, मुनिश्री प्रतीककुमारजी का स्नेहिल शुभकामनाएं को मैंने प्राप्त किया। भिक्षु समाधि स्थल के अध्यक्ष निर्मल श्रीश्रीमाल आदि अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने अपनी ओर से शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में संस्थान के अध्यक्ष निर्मल श्रीश्रीमाल ने अपने भावनाएं प्रस्तुत करते हुए आचार्य तुलसी, आचार्य महाप्रज्ञजी तथा आचार्य श्री महाश्रमणजी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। संगायक कमल छाजेड़ को शॉल, साहित्य, दुपट्टा धारण करवाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में उतमचंदजी सुखलेचा, राहुल बालड़, मनीषजी रांका, कमलजी बैद, ममता मालू आदि ने अपनी भावनाएं प्रस्तुत की।