तेरापंथ सभा भवन, गांधीनगर-बेंगलुरु में 12 नवंबर मंगलवार को तेरापंथ युवक परिषद बेंगलुरु द्वारा ‘सम्मान व्रत चेतना-सम्मान बारह व्रत का’ कार्यक्रम का आयोजन साध्वी श्री उदितयशा जी ठाणा-4 के सान्निध्य में हुआ। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में व्रत संकल्पों के प्रति चेतना जाग्रत करना तथा संयम और मर्यादित जीवन का महत्व प्रतिपादित करना था।
साध्वी श्री उदितयशा जी ने अपने आध्यात्मिक प्रवचन में श्रावकों के लिए भगवान महावीर के बताए हुए संयम पथ की व्याख्या करते हुए कहा कि पूर्ण संयम का पालन कठिन हो सकता है, परंतु आवश्यकताओं का सीमांकन कर और भौतिक वस्तुओं के उपभोग में मर्यादा रखकर एक व्रती जीवन सहजता से अपनाया जा सकता है। साध्वीश्री जी ने बताया कि यदि व्रत चेतना को जाग्रत किया जाए, तो ये संकल्प हमारे जीवन को संयममय और पवित्र बनाएंगे, जो धर्म के सच्चे मार्ग पर अग्रसर होने का आधार है।
कार्यक्रम की शुरुआत साध्वी श्री उदितयशा जी द्वारा मंगल मंत्रोच्चार के साथ हुई, जो वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष श्री विमल धारीवाल ने साध्वी श्री की प्रेरणा और परिश्रम के प्रति समाज की कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उपस्थित जनों का स्वागत किया। इस पावन अवसर पर 12 व्रती श्रावक-श्राविकाओं का जैन पट्ट और सम्मान प्रशस्ति पत्र देकर अभिनंदन किया गया, जो समाज में संयम और व्रत संकल्प की मिसाल बन गए हैं।
कार्यक्रम का संचालन तेयुप मंत्री श्री राकेश कुमार चोरड़िया द्वारा अत्यंत कुशलता के साथ किया गया। इस अवसर पर तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्री पारसमल भंसाली सभा मंत्री श्री विनोद छाजेड़, कोषाध्यक्ष श्री प्रकाश कटारिया, ज्ञानशाला से माणक चंद संचेती, पूर्व अध्यक्ष श्री बहादुर सेठिया महिला मंडल अध्यक्षा श्रीमती रिजुबाला डुंगरवाल एवं समाज के गणमान्य व्यक्ति, श्रद्धालु और धर्मानुरागी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। तेरापंथ युवक परिषद, बेंगलुरु का यह आयोजन समाज में व्रत संकल्पों और संयमपूर्ण जीवन के प्रति एक अमूल्य प्रेरणा बना, जिसे श्रद्धालुओं और समाज के सभी वर्गों ने अत्यंत सराहा।
