न्यू तेरापंथ भवन में तेरापंथी महासभा और ज्ञानशाला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में वार्षिक उत्सव ‘उत्कर्ष’ का आयोजन साध्वी श्री मंगलयशा जी ठाणा-4 के सान्निध्य में किया गया। मुख्य प्रशिक्षिका रानी बाफना ने बताया कि बच्चों का भविष्य ही हमारा भविष्य है, बच्चों में संस्कार निर्माण के लिए ज्ञानशाला बहुत बड़ा माध्यम है। इस माध्यम की शुरुआत गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी ने की और वर्तमान में पूज्य गुरुदेव आचार्य महाश्रमण जी के नेतृत्व में यह धर्मसंघ और ज्ञानशाला फल-फूल रही है। इसी उद्देश्य को लेकर के प्रेरणा, प्रस्तुति और प्रोत्साहन का त्रिवेणी संगम ज्ञानशाला का वार्षिक उत्सव मनाया गया।
सर्वप्रथम साध्वी श्री मंगलयशा जी के द्वारा नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम की शुरुआत की गई। तत्पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञानशाला का प्राण नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा अर्हम अर्हम की वंदना से किया गया। नवनिर्वाचित ज्ञानशाला संयोजक मोहन जी बाफना ने कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ज्ञानशाला प्रकोष्ठ के मारवाड़ आंचलिक संयोजक सुरेंद्र जी सालेचा, महासभा के जोधपुर संभाग के आंचलिक प्रभारी गौतम जी सालेचा, कार्यकारिणी सदस्य धनराज जी ओस्तवाल, बाहुबली जी भंसाली, ज्ञानशाला प्रकोष्ठ सिवांची मालाणी के आंचलिक सहसंयोजक मनोज जी ओस्तवाल, पारमार्थिक शिक्षण संस्थान के व्यवस्थापक मोतीलाल जी जीरावाला और संपूर्ण श्रावक समाज का स्वागत किया। विशिष्ट अतिथि सुरेंद्र जी सालेचा ने बालोतरा ज्ञानशाला को आध्यात्मिक मंगलकामना देते हुए कहा कि आप सभी तेरापंथ सभा के अंतर्गत नवीनतम कार्यक्रम करते हुए ज्ञानशाला को नई ऊंचाइयां प्रदान करें। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष श्रीमान महेंद्र जी वेद मेहता ने ज्ञानशाला की रूपरेखा बताते हुए कहा कि बालोतरा में 11 जगह ज्ञानशाला चलती है और उसमें लगभग 200 ज्ञानार्थी ज्ञानार्जन करते हैं तथा 45 प्रशिक्षक सेवाएं दे रहे हैं।
इस कार्यक्रम में पांच सेवानिवृत प्रशिक्षिकाओं श्रीमती बेला जी नाहटा, कमला देवी ओस्तवाल, रामेश्वरी देवी ढेलडिया, सोहनी देवी छाजेड़, गुणवंती देवी श्री श्रीमाल को वर्षों से ज्ञानशाला में अमूल्य सेवा हेतु तेरापंथ सभा द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों द्वारा विविध प्रकार के कार्यक्रम तीर्थंकर स्तुति, मोनो एक्ट, नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा नृत्य, डॉन्ट यूज मी, योग और अनाथी मुनि का परिसंवाद प्रस्तुत किया गया। आरवि श्री श्रीमाल और पूर्व बालड़ ने मोनो एक्ट का प्रोग्राम किया। अभिभावक श्रेष्ठ जी लुंकड़ ने छोटे से संवाद के द्वारा ज्ञानशाला के महत्व को दर्शाते हुए छोटे से एक्ट के द्वारा अपनी प्रस्तुति दी आरुष गोलछा ने बताया कि हम ज्ञानशाला से कितना कंठस्थ व्यवहारिक ज्ञान सीखते हैं। मोक्ष बलाड और रिदम श्री श्रीमाल ने मारवाड़ी अंदाज में एक्ट के द्वारा स्वागत किया। प्रोग्राम की शानदार प्रस्तुति का श्रेय ज्ञानशाला के प्रशिक्षकों को जाता है उनकी कड़ी मेहनत ने प्रोग्राम को सफलतम बनाया। डिजिटल एडिटिंग और प्रोजेक्टर का काम ज्ञानशाला प्रशिक्षक मीना जी ओस्तवाल और इषिका सालेचा ने किया। इस कार्यक्रम में तेरापंथ सभा मंत्री प्रकाश वेद, तुलसी किड्स संस्थान के संयोजक सुभाष जी फॉला मेहता, ज्ञानशाला उप-संयोजक, अयोध्या देवी ओस्तवाल व सदस्य पवन जी बालड़ और खुशाल ढेलडिया, निवर्तमान संयोजक राजेश जी बाफना, महिला मंडल अध्यक्ष निर्मला जी संकलेचा, तेयुप अध्यक्ष रौनक श्रीश्रीमाल, किशोर मंडल संयोजक पियूष बालड़, कन्या मंडल संयोजिका मुस्कान ओस्तवाल और ज्ञानशाला के सभी ज्ञानार्थी, प्रशिक्षक और अभिभावकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन मुख्य प्रशिक्षक रानी बाफना और सह-प्रशिक्षक संगीता बोथरा ने किया। आभार ज्ञापन उप-संयोजक संदीप रेहड ने किया।
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