आचार्य श्री महाश्रमणजी के सान्निध्य और साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के मार्गदर्शन में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार तेरापंथ महिला मंडल, सूरत द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर लक्ष्य कार्यशाला का बैनर अनावरण करते हुए आगाज कॉन्फ्रेंस हॉल, संयम विहार में किया गया। कार्यशाला का प्रारंभ मंडल की बहनों के द्वारा मंगलाचरण से किया गया। तत्पश्चात मंडल की अध्यक्षा चंदा भोगर ने अपने स्वागत वक्तव्य में सभी का स्वागत किया।
साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी ने लक्ष्य कार्यशाला का आगाज करते हुए कहा कि लक्ष्य दो प्रकार के होते हैं व्यक्ति शॉर्ट टर्म लक्ष्य बनाकर अपनी मंजिल, गोल तक पहुंच जाता है। मुझे वो कार्य करना है जो मेरी आत्मा को निर्मल बनाये, उसके पैर ठिठुर जाते हैं जिसने छोटा लक्ष्य बनाया है, लक्ष्य आधुनिक भले हो लेकिन अध्यात्म का पुट साथ में अवश्य हो तभी हम सही दिशा में गति कर सकते हैं।
समणी मधुरप्रज्ञा जी ने लक्ष्य को परिभाषित करते हुए बताया वे संकल्प जिन्हें हम नियत समय पर पूरा कर सकें उनकी योजना आगे उन्होंने कहा कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दिशा, समर्पण, दृढ़ निश्चय और अनुशासन जरूरी है, उसके पश्चात ‘Vision Towards A New Era’ विषय पर मंडल की बहनों द्वारा बहुत ही रोचक प्रस्तुति की गई। राष्ट्रीय पूर्वाध्यक्ष सूरज जी बरड़िया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार जरूरी है। कार्यशाला का कुशल संचालन पूर्वाध्यक्ष डॉ. पूनम गुजरानी ने किया। कार्यशाला में राष्ट्रीय ट्रस्टी कनक जी बरमेचा, पूर्वाध्यक्ष सूरज जी बरड़िया, कार्यसमिति सदस्य मधुजी देरासरिया, पूर्णिमा जी गादिया, श्रेया जी बाफना, प्रकाश जी तातेड़, लता जी की गरिमामय उपस्थिति के साथ सूरत महिला मंडल के परामर्शक, पूर्वाध्यक्ष, पदाधिकारी, मंडल की मंत्री सुषमा बोथरा कार्यकारिणी बहनें और लगभग 400 बहनों की उपस्थिति रही। कार्यशाला की सह-संयोजिका सरिता डागा और प्रमिला दूगड़ का अच्छा श्रम रहा। अंत में सहमंत्री ज्योति पटावरी ने प्रमुखा श्री जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की व सभी के प्रति आभार व्यक्त किया तथा बहनों से प्रश्नोत्तर पूछे गए।