आसींद निवासी, विक्रोली प्रवासी श्रीमती शांतादेवी – श्री लक्ष्मीलाल कांठेड के पुत्रवधु-सुपुत्र एवं पौत्री श्रीमती शुचिता-श्री श्रेयांस जी कांठेड एवं एरिशा कांठेड का विक्रोली में गृहप्रवेश का शुभारंभ जैन संस्कार विधि से संस्कारक श्री राकेश जी तुकलिया एवं श्री मुकेश जी मद्रेचा ने सम्पूर्ण विधि-विधान व मंगल मंत्रोच्चार से सानन्द संपन्न करवाया।
कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र के संगान से हुई। संस्कारकों ने जैन संस्कार विधि के बारे में अवगत करवाते हुए कहा की इस अल्पपरिग्रह व अल्पारम्भ वाली विधि को अपने घरों में ज्यादा से ज्यादा अपनाएं। संस्कारकों ने मंगलभावना यंत्र की स्थापना परिवार द्वारा करवाई, जैन संस्कारकों द्वारा नूतन गृह प्रवेश के उपलक्ष्य में सुमधुर गीतिका का संगान किया गया। संस्कारक ने त्याग-प्रत्याख्यान की प्रेरणा प्रदान की। इस अवसर पर परिवारिकजनों द्वारा शुभकामनाएँ दी गई।
श्री युवराज जी, मितेश जी, पदमा जी, आस्था जी कांठेड, श्री अजय जी चंडालिया, मनीष जी कोठारी, अनुपम चंडालिया, ममता कोठारी, श्री सुशील जी चिप्पड़, संगीता जी चिप्पड़, निर्मला जी छाजेद, वन्दना जी चपलोत आदि की उपस्थिति रही।
