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मानव कल्याण के लिए पूर्ण समर्पित था आचार्यश्री तुलसी का जीवन : नाथद्वारा

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साध्वीश्री मंजूयशा जी ठाणा-4 के पावन सान्निध्य में तेरापंथ धर्मसंघ के यशस्वी आचार्य श्री तुलसी का 111वां जन्म दिन अणुव्रत दिवस के रूप में दिनांक 3 नवंबर, 2014 को बड़े उत्साहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ साध्वीश्री जी के नमस्कार महामंत्र के मंगल उच्चारण से किया गया। साध्वीश्री जी ने अपने संयम प्रदाता, शिक्षा प्रदाता, आराध्य के प्रति अपनी श्रद्धा भावना समर्पित करते हुए कहा कि विकास पुरुष आचार्यश्री तुलसी इस देश की पुण्य धरा पर महामानव बनकर आए थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन मानव जाति के कल्याण में पूर्ण रूप से समर्पित कर दिया। वे एक इतिहास पुरुष थे। उनके जीवन में अनेक विरोधों के तूफान आए उन सबको सहन करते हुए आगे बढ़ते गए। उन्होंने आगे कहा कि पूज्य गुरुदेव श्री तुलसी एक ऐसे विरल अध्यात्म पुरुष थे, जिन्होंने संप्रदाय के घेरे से उठकर मानव मात्र के हित का संरक्षण कर जैन धर्म को जन धर्म बनाने का अथक प्रयास किया। जैन एकता उनकी आंखों का एक सुनहरा सपना था। सचमुच वे एक सृजनशील व्यक्ति थे। उन्होंने हिंदी, संस्कृत आदि साहित्य की अजस्रधारा प्रवाहित की। शिक्षा के क्षेत्र में अनेक साधु-साधुओं को आगे बढ़ाया। राजनैतिक स्तर पर भी आपने समय-समय पर समसामयिक संदेश प्रदान कर शांति का वातावरण निर्मित किया। 1 लाख किलोमीटर की पदयात्रा कर झौपड़ी से लेकर राजभवन तक नैतिकता की पावन अलख जगाई। बड़े-बड़े राजनेता भी आपसे प्रभावित थे।
आपके कुशल कर्तृत्व से प्रभावित होकर अनेक बड़ी-बड़ी संस्थाओं ने आपका सम्मान किया। भारत ज्योति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार, युगप्रधान, वाक्पति आदि कई अलंकरण आपको पाकर धन्यता का महसूस कर रहे थे। सचमुच ऐसे विलक्षण व्यक्तित्व को शब्दों में बांधना बहुत कठिन है।
साध्वीश्री जी ने उनके जीवन के कई प्रेरणादाई घटनाओं द्वारा उनके व्यक्तित्व को उजागर किया और एक सामूहिक गीत प्रस्तुत कर परिषद को भाव-विभोर कर दिया। इस अवसर पर साध्वी श्री चिन्मयप्रभाजी, साध्वी श्री इंदुप्रभा जी एवं साध्वी श्री मानसप्रभा जी ने अपने अधिशास्ता के प्रति गीत, भाषण द्वारा अपने भावों की सुंदर अभिव्यक्ति दी। युवती बहनों ने ’आचार्य तुलसी’ ’की पवित्र’ ’जीवन झांकी स्पेशल’ ’बुलेटिन’ ’प्रसारण’ द्वारा बहुत ही आकर्षक व सुंदर प्रस्तुति दी।
उपासक गणेश जी मेहता, पूनम जी तलेसरा, मंजू जी पोरवाल, मंजू जी मुथा, विनीता जी मुथा आदि भाई-बहनों ने अपने आराध्य के प्रति गीत, भाषण, कविता आदि द्वारा अपनी-अपनी भावभिव्यक्ति देकर अभ्यर्थना की। मंगलपाठ से कार्यक्रम सानंद संपन्न हुआ। भाई-बहनों की उपस्थिति अच्छी संख्या में रही।

 

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