तेरापंथ भवन में विराजित साध्वीश्री विशदप्रज्ञा जी ठाणा-4 के सान्निध्य में महिला मंडल के तत्वावधान में ‘समझे रिश्तों का विज्ञान’ कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी श्री जी ने नमस्कार महामंत्र व महिला मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण हुआ। साध्वी श्री विशदप्रज्ञा जी ने कहा कि संसार में अनेक रिश्ते जुड़े हुए हैं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण रिश्ता परिवार का होता है। हमारा एक शब्द रिश्ता जोड़ भी सकता है। और तोड़ भी सकता है। सेवा समर्पण का भाव परिवार को जोड़े रखता है। साध्वी श्री प्रशमयशा जी ने कहा कि कितना भी आपके पास ज्ञान विज्ञान हो लेकिन जब परिवार नहीं तो कोई मतलब नहीं। कोई भी रिश्ता निभाने के लिए 6 चीज जरुरी होती है। आना-जाना लेन-देन खाना व खिलाना रिश्ते बर्फ के गोले जैसे होते हैं। जिसे बनाना तो आसान होता है लेकिन उसे बनाए रखना मुश्किल रिश्तो को निभाने के लिए समता और सहिष्णुता रखनी चाहिए। इस तरह रिश्ता विश्वास से चलता है अगर रिश्तों को निभाना सीख लिया तो आपके पास सबसे अच्छी डिग्री है। महिला मंडल अध्यक्ष संगीता जी पामेचा ने प्रैक्टिकल रूप में बताया कि अगर हम साथ रहेंगे तो खर्चा कम होगा तथा कोई काम जल्दी करता है। कोई धीरे करता है लेकिन अपना काम तो वही कर रहा है ना तो टोका टोकी ना करें तथा घर की बात दूसरों से ना करें। कार्यक्रम का कुशल संचालन किंजल जी हिरण ने किया। कार्यक्रम में श्रावक-श्राविकाओं की अच्छी उपस्थिति रही। कार्यक्रम की जानकारी रजद प्रतिनिधि पवन कच्छारा ने दी।