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आचार्यश्री तुलसी का 111वाँ जन्मोत्सव समारोह : काठमांडौ-नेपाल

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अणुव्रत समिति, नेपाल के तत्वावधान में ‘पर्यावरण संरक्षण में सहायक अणुव्रत दर्शन’ विषय पर समारोह

मुनिश्री रमेश कुमार जी ठाणा-2 के पावन सान्निध्य में तेरापंथ भवन स्थित आचार्य महाश्रमण सभागार में अणुव्रत समिति, नेपाल के तत्वावधान में आचार्य श्री तुलसी का 111वाँ जन्मोत्सव अणुव्रत दिवस के रूप में
एवं ‘पर्यावरण संरक्षण में सहायक अणुव्रत दर्शन’ विषय पर आयोजित समारोह में नेपाल राष्ट्र के सम्माननीय गृहमंत्री श्रीमान रमेश जी लेखक प्रमुख अतिथि के रुप में उपस्थित हुए।
मुनि रमेश कुमार जी ने कहा कि आचार्य श्री तुलसी ने जाति, धर्म और सम्प्रदाय से ऊपर उठकर मानव कल्याण के लिए अणुव्रत आन्दोलन का सूत्रपात किया। पर्यावरण की सुरक्षा सरकार, वैज्ञानिक, समाज चिन्तकों का ही उत्तरदायित्व नहीं है, हर व्यक्ति की जिम्मेदारी होती है वह इसके संरक्षण में अपना सहयोग दें। मुनि रत्न कुमार जी ने कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांतों को अपना कर ही पर्यावरण का संरक्षण किया जा सकता है।
अणुव्रत समिति, नेपाल के अध्यक्ष दिनेश कुमार जी नौलखा ने आज के समारोह की जानकारी देते हुए समारोह सहभागी अतिथियों का अणुव्रत समिति, नेपाल द्वारा स्वागत किया।
नेपाल राष्ट्र के सम्माननीय गृहमंत्री श्रीमान रमेश जी लेखक ने कहा कि आज इस समारोह में आकर मैं बहुत प्रसन्न हूं। पर्यावरण संरक्षण बहुत जरुरी है। संसार के सभी भूखण्ड पर्यावरण के असंतुलन को भोग रहे है। नेपाल में आज भी पर्यावरण की समस्या बहुत कम है। क्योंकि यह राष्ट्र हिमालय की गोद में बसा है। अणुव्रत दर्शन की आज बहुत उपयोगिता है। अणुव्रत को अपनाकर प्रकृति के दोस्त बनें। आपने आगे कहा कि जैन धर्म तेरापंथ समाज अणुव्रत समिति पर्यावरण संरक्षण में जो कार्य कर रहे हैं वे प्रशंसनीय है। आपने इस अवसर पर कहा कि मैं मुनिद्वय के आगामी पदयात्रा (विहार) में आपके मार्गवर्ती गांवों में रहने व अन्य सुरक्षा आदि सभी व्यवस्था की घोषणा करता हूँ।
समारोह के विशिष्ट अतिथि जैन समाज रत्न श्री किसनलाल जी दूगड़ ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी ने अणुव्रत आन्दोलन के माध्यम से विश्व में एक नई क्रांति को जन्म दिया। उन्होंने आगे कहा कि वृक्षारोपण करने का मुझे प्रारंभ से ही शोख रहा है। नेपाल में नारियल और चंदन के पेड लगाने के अपने अनुभव भी इस अवसर बताये।
प्रमुख वक्ता प्रो. डॉ जगदीश प्रसाद जी अग्रवाल ने कहा कि अणुव्रत से मेरा बहुत जुडाव है। अनेक वर्षों से अणुव्रत के कार्यक्रमों में भाग लेता रहा हूं। अणुव्रत को अपनाकर राम राज्य स्थापित किया जा सकता है। आपने पर्यावरण संरक्षण कैसे किया जा सकता है इसे विस्तार से समझाया।
अणुव्रत समिति, नेपाल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष समाज सेवी फूलकुमार जी ललवानी ने विशिष्ट अतिथि जैन समाज रत्न किसनलाल जी दूगड़ का परिचय दिया। पर्यावरण और वृक्षारोपण के क्षेत्र में उनके द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी दी। अणुव्रत समिति ने आज उन्हें सम्मानित भी किया।
तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सुभागमल जम्मड, अणुव्रत राष्ट्रीय शिक्षक मंच के पूर्व अध्यक्ष तनसुख लाल जी बैद ने भी प्रासंगिक विचार व्यक्त किए।
सभी अतिथियों को साहित्य और अणुव्रत पट्टिका धारण कराके सम्मानित भी किया। कार्यक्रम का सफल संचालन मंत्री श्री प्रभात नाहटा ने किया। आभार ज्ञापन उपाध्यक्ष श्रीमती सुनीता सेठिया ने किया।

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