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आचार्यश्री तुलसी का जन्म दिवस समारोह : औरंगाबाद

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साध्वीश्री उज्ज्वलप्रभाजी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, पानदरीबा औरंगाबाद में आचार्यश्री तुलसी का 111वाँ जन्म दिवस अणुव्रत दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि श्री प्रशांतजी देसरडा, श्री सुबाहुजी देवडा एवं श्री विलासजी साहूजी रहे। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वीश्री प्रबोधयशाजी के सुमधुर तुलसी गीतिका से हुई।
अणुव्रत समिति की अध्यक्षा रूपाजी धोका ने कहा कि व्रत अध्यात्म जीवन को उन्नत बनाता है। व्रत से चारित्र व आचरण से हमारी अलग पहचान बनती है। सन् 1947 में स्वतंत्रता तो मिली, लेकिन गुलामी की जंजीरें कम नहीं हुई। उपमहापौर श्री प्रशांतजी देसरडा ने अणुव्रत चौक निर्माण करने का आश्वासन दिया। आपने अपनी अतिप्रिय चॉकलेट खाने का त्याग किया। महिला मंडल द्वारा सुमधुर गीतिका की प्रस्तुति हुई।
साध्वीश्री अनुप्रेक्षाश्रीजी ने अहिंसा की अधूरी समझ एवं अहिंसा की पूरी समझ के बीच विरोधाभास को स्पष्ट कर बताया। सुबाहुजी देवडा ने कहा कि हम सौभाग्यशाली है कि हमें ऐसा अनुशासित तेरापंथ धर्मसंघ मिला है। इस अणुव्रत की गूंज एक झोंपड़ी से राष्ट्रपति भवन तक गुंजायमान हो रही है। 1984 में लोगोंवाल समझोते के समय गुरुदेव तुलसी ने अपनी प्रखर प्रज्ञा से समझोता सुलझाने में मदद की।
विलासजी साहूजी ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि अणुव्रत तन, मन स्वस्थ कर सकारात्मक सोच देता है। मर्यादा और अनुशासन से व्यक्ति सही मार्ग प्रशस्त कर सकता है। उत्साही रहता है। आप अणुव्रत सहयोगी बनने के लिए संकल्पबद्ध हुए। सुमधुर गायक गौरवजी सेठिया ने गीतिका द्वारा अणुव्रत अनुशास्ता श्री तुलसी को भावाजंलि अर्पित की।
अणुव्रत परामर्शक श्री मदनलालजी आच्छा ने कहा कि गुरुदेव ने जीवन-भर तेरापंथ धर्मसंघ के लिए ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मानव जाति के उत्थान के लिए काम किया। साध्वीश्री उज्ज्वलप्रभाजी ने कहा कि गुरुदेव की आलोकित आभा से संतत्व का गौरव बढ़ाया है। आज मानवता मूर्च्छित हो रही है ऐसे में अणुव्रत को अपनाकर संयमित हो सकता है। ज्ञान का सार ही आचार है, आचरण होना चाहिए। दूसरों की भावना को समझने की बात हो। मनुष्यता जागृत हो। भीतर की ऊर्जा प्राणवान बनें।
‘सुधरे व्यक्ति समाज व्यक्ति से राष्ट्र स्वयं सुधरेगा।’ अणुव्रत के ओजस्वी, तेजस्वी प्रभाव से सच्चाई, न्याय नीति की चेतना जागे। संयम से सम्मान मिलता है। अणुव्रत संजीवनी बूटी है, वर्तमान सुधरे तो भविष्य स्वयं सुधर जायेगा।
कार्यक्रम में तेरापंथ सभा अध्यक्ष कौशिकजी सुराणा, तेयुप अध्यक्ष मयूरजी आच्छा, महिला मंडल अध्यक्षा भावनाजी सेठिया, टीपीएफ अध्यक्ष डॉ आनंदजी नाहर अणुव्रत समिति के सभी सदस्य एवम की गणमान्यवरों की उपस्थिती व सहयोग रहा। कार्यक्रम का सुंदर संचालन सौ रंजनाजी दुगड ने किया। प्रीतिजी दुगड ने सभी का आभार व्यक्त किया। अणुव्रत समिति द्वारा ड्राइंग कॉम्पिटिशन की प्रदर्शनी भी लगाई गई। अंत में साध्वीश्रीजी के मंगलपाठ से कार्यक्रम का समापन हुआ।

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