गणाधिपति गुरुदेव तुलसी के 111वें जन्म दिवस के उपलक्ष में साध्वी श्री सुदर्शनाश्री जी के पावन सान्निध्य में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। नमस्कार महामंत्र का सामूहिक उच्चारण के पश्चात अहमदाबाद से पधारे तरुण कुण्डलिया द्वारा मंगलाचरण किया गया। तेरापंथ महिला मंडल की बहनों ने गीतिका के माध्यम से गुरुदेव के अवदानों को प्रस्तुत किया। तेरापंथ सभा से अध्यक्ष मालचंद जी पुगलिया, महिला मंडल से पुष्पा जी नाहटा, सुशीला नाहटा, युवक परिषद से सतीश पुगलिया, प्रकाश जी चिण्डलीया, मैत्री भंसाली, अनन्या पुगलिया और खुश भंसाली ने शब्दों, कविता तथा गीतिका के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति दी। साध्वीश्री प्रणतिप्रभा जी ने भी आचार्य तुलसी की अभ्यथर्ना में अपने भावों की भावांजलि दी। साध्विश्री सुदर्शनाश्री जी ने अपने मंगल पाथेय में कहा कि गुरुदेव तुलसी और उनके अनगिनत आयामों को शब्दों में बांधना नामुकिन है। गुरुदेव तुलसी युगदृष्टा आचार्य थे, समय की मांग के हिसाब से अनेक आध्यात्मिक प्रयोग किए और संकल्प से उनमें सफलता भी मिली ।
ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने बहुत ही रोचक प्रस्तुति दी। इसमें रूपेश, अंकिता सुराणा और निशा छाजेड़ का सहयोग रहा। अच्छी संख्या में सधार्मिक भाई-बहनों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन साध्वी श्री प्रगतिप्रभा जी ने किया। रात्रिकालीन सत्र में आचार्य तुलसी के जीवन से संबंधित खुला प्रश्न मंच का आयोजन भी किया गया।
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