पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री तुलसी जी का 111वाँ जन्मोत्सव अणुव्रत दिवस के रूप में साध्वी श्री प्रज्ञावती जी के पावन सान्निध्य में आयोजित किया गया। नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ। महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण किया गया। कार्यक्रम श्री त्रिसूत्रीय कार्यक्रम रहा। जिसके अंतर्गत प्रातःकालीन प्रभात फेरी, सुबह मुख्य प्रवचन कार्यक्रम व रात्रि कालीन एक शाम तुलसी के नाम भक्ति संगीत संध्या का आयोजन किया गया। जय प्रतिष्ठान द्वारा सम्मान समारोह व दीपावली स्नेह मिलन का कार्यक्रम भी साथ में आयोजित किया गया। इस अवसर पर साध्वी श्री प्रशांतयशा जी साध्वी श्री मंयकयशा जी ने भावांजलि अर्पित की व साध्वी श्री कीर्ति प्रभा जी ने एक गीतिका का संगान किया। इस अवसर पर जय भिक्षु प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री सुरेंद्र जी जैन नंगुरा वाले, मंत्री मुकेश जैन, उपमंत्री संदीप आंचलिया व लक्ष्मीचंद जैन दिल्ली ने अपने विचार प्रस्तुत किए। श्री पंकज जी जैन द्वारा कैलाश जी जैन दिल्ली के संदेश का वाचन किया गया।
साध्वी श्री प्रज्ञावती जी ने कहा कि गुरुदेव आचार्य तुलसी और अणुव्रत एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं। गुरुदेव का जीवन हमें यह प्रेरणा देता है कि हम जो भी कार्य हाथ में लें उसे पूर्ण करने तक चरणों को गतिशील रखें। गुरुदेव जो कार्यक्रम को हाथ में ले लेते, चाहे कितनी बाधाएँ आएँ उसे पूर्ण करके ही रहते थे। आज प्रत्येक श्रावक को अणुव्रती बनने का संकल्प अवश्य लेना चाहिए।
साध्वीश्री जी की प्रेरणा से उपस्थित समाज ने अणुव्रती बनने का फॉर्म भरा। कार्यक्रम का संचालन रोहित जैन द्वारा किया गया।

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