साध्वी श्री संयमलता जी के सान्निध्य में अणुव्रत दिवस पर विशेष कार्यक्रम ब्राह्मण समुदाय भवन, मण्डिया में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजोगिनी ब्राह्मकुमारी शारदा जी का आगमन हुआ।
साध्वी संयमलता जी ने कहा कि गुरुदेव तुलसी २०वीं सदी के महासूर्य थे उन्होंने अणुव्रत आंदोलन के माध्यम से मानव धर्म की कल्पना की। नैतिकता, ईमानदारी, सव्यता, मानवीय करुणा जैसे जीवन मूल्यों को अपनाकर हम अपने देश के उन्नत चरित्र की कल्पना को साकार रूप दे सकते हैं, इसिलिए लिखा है- हजारों वर्ष में मसीहा एक आया था, जिसने आदमी को आदमी बनना सिखाया था। आज हम उस महामानव संत तुलसी की 111वीं जन्म जयंती पर स्वयं के जीवन चरित्र को मूल्यों से संवार कर, उन्नति की दिशा प्रदान करें, ऐसा संकल्प स्वीकार करें।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राजोगिनी ब्राह्मकुमारी शारदा जी ने कहा कि हमारा जीवन शुभ भाव व शुभ चिंतन से ओत-प्रोत रहे किसी का हम अहित नहीं करे यही अणुव्रत का संदेश है।
महिला मंडल ने मंगलाचरण से कार्यक्रम की मंगल शुरुआत की। स्वागत व आभार ज्ञापन समा के अध्यक्ष सुरेशजी भंसाली व मंत्री विनोद जी भंसाली ने किया। कन्या मंडल, ज्ञानशाला व महिला मंडल द्वारा रोचक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का संचालन करते हुए साध्वी मार्दवश्री जी ने कहा कि आज की युगीन समस्याओं का समाधान अणुव्रत अर्थात संयम ही है। कार्यक्रम में मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष सजनराजी जी भंसाली अरविंद जी श्रीश्रीमाल व कार्यकारिणी सदस्य, स्थानकवासी सम्प्रदाय के अध्यक्ष अमरचंद जी डागा मंत्री विजयराजजी तलेसरा व कार्यकारिणी सदस्य, तेरापंथ सभा अध्यक्ष मंत्री, महिला मंडल मंत्री, युवक परिषद् अध्यक्ष मंत्री, कन्या मंडल, ज्ञानशाला के बच्चों सहित श्रावक-श्राविकाओं की अच्छी उपस्थित रही।
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