साध्वी श्री डॉ गवेषणाश्रीजी ने नये वर्ष में उमडे जन सैलाब को विविध मंत्रों के मंत्रोच्चारण से नव ऊर्जा का संचार करते हुए कहा कि हर दिन, हर क्षण, हर समय अपने आप में मंगल होता है, किन्तु 365 दिनों में कुछ दिन विशेष होते है जो व्यक्ति के विकास, समृद्धि, रिद्धि में योगभूत बनते है उसी में एक दिन का पर्व है- दीपावली का। दीपावली का दूसरा दिन भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण माना जाता है। आज के दिन हम विशेष मंत्रोच्चार के साथ अपने आपको भावित करें। जिससे हमारा पूरा वर्ष आरोग्यमय, सुखमय, आनंदमय और समृद्धमय बने।
साध्वी श्री मयंकप्रभाजी ने कहा कि अपने जीवन के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए नवप्रभात में यही संकल्प करे – अच्छी बातों को सेव करें एवं बुरी बातों को डिलिट करें और जो हमें अच्छी लगे उन्हें फोरवर्ड करते आये। साध्वी श्री दक्षप्रभाजी ने सुमधुर गितिका प्रस्तुत की। साध्वी श्री मेरुप्रभाजी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए अपने विचार रखें। वृहद्ध मंगलपाठ के अन्तर्गत साध्वीश्री जी ने अनेक नये-नये मंत्रोच्चार एवं तीर्थंकरों की स्तुति करवायी। इस नववर्ष के अंतर्गत कुछ संकल्पों की सौगात भी दी। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष श्री रमेश जी डागा ने भी अपने विचार रखे। माधावरम ट्रस्ट के मंत्री श्री पुखराज जी चोराडिया ने स्वागत और आभार ज्ञापन किया। ट्रस्ट अध्यक्ष श्री घीसुलालजी बोहरा, श्री प्रवीण सुराणा, श्री सुरेश शंका, श्री सी पी छल्लाणी श्री रमेश बोथरा, श्री शांतिलाल डूंगरवाल आदि अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
