दिनांक 3.11.2024 को श्रीडूंगरगढ़ सेवाकेंद्र, मालू भवन में सेवा केंद्र व्यवस्थापिका शासनश्री साध्वीश्री कुंथुश्रीजी के सान्निध्य में आचार्यश्री तुलसी का 111वाँ जन्म दिवस अणुव्रत दिवस के रूप में मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरुवात साध्वी सरसप्रभा जी ने मंगलाचरण से की। साध्वी ललिताश्री जी, संपत प्रभा जी और आलोक प्रभा जी ने अपने विचारों की अभिव्यक्ति प्रस्तुत की। साध्वी सुमंगलाश्री जी, साध्वी सुलभयशा जी, साध्वी सम्यकत्वप्रभा जी और साध्वी आलोकप्रभा जी ने सामूहिक गीतिका का संगान किया।
इस अवसर पर श्री जैन तेरापंथी सभा से मंत्री और तेरापंथ युवक परिषद से कार्यसमिति सदस्य प्रदीप पुगलिया, तेरापंथ महिला मंडल से मगन श्री सेठिया और सुमन पुगलिया ने अपने भावों से नमन करते हुए याद किया।
साध्वीश्री कुंथुश्री जी ने अपना मंगल उद्बोधन में कहा आचार्य तुलसी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। उनका व्यक्तित्व विराट था, कर्तव्य निराला था, वे एक अलबेले राष्ट्रसंत थे।
देश के चरित्र उन्नयन हेतु अणुव्रत आंदोलन का सूत्रपात किया। जन-जन की समस्याओं का समाधान किया, नई रोशनी प्रदान की। अशांत विश्व को शांति का संदेश दिया, उनके अनुपम अवदानों से समस्त मानव समाज उपकृत रहेगा। हम युगों युगों तक उनका जन्मदिन मनाते रहे, उनके अवदानों को आगे बढाते रहे, उनके सपनों को साकार करते रहें। पूज्य गणधिपति गुरुदेव के चरणों में श्रद्धा युक्त नमन। कार्यक्रम का संचालन साध्वी सुमंगलाश्री जी ने किया।
