मुनिश्री अनंत कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, भुज में तेरापंथी सभा द्वारा त्रिदिवसीय बाल संस्कार शिविर का आयोजन हुआ। मुनिश्री अनंत कुमार जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन में सबसे अधिक महत्व संस्कारों का है। संस्कारी बालक जहां भी जाता है अपने संस्कारों की सुवास फैलाता है। जीवन में आने वाली हर समास्या में धैर्य के साथ रास्ता निकाल लेता है। हम देखते हैं आजकल शिक्षा तो बड रही है पर संस्कारों का अवमूल्यन हो रहा है। ऐसे में जीवन को आगे बढ़ाने में संस्कार ही अचूक उपाय है।
इस शिविर में मुनिश्री विपुल कुमार जी ने जीवन का आभूषण विनय, मिली रिषी महेता ने भणतर साथे गणतर, अदिति जिनेश महेता ने जाणे 18 पाप को, उपासक नरेंद्र भाई महेता चार गति विषय पर प्रशिक्षण दिया। समग्र शिविर का संचालन कन्या मंडल भुज ने किया। शिविर के समापन समारोह में सभा अध्यक्ष वाडीलाल जी महेता ने अपने विचार व्यक्त किए। शिविर को सफल बनाने में भरत भाई बाबरिया, भाविक भाई महेता, महेश भाई गांधी, आशीष भाई बाबरिया, शिविर संयोजिका भारती बहन शाह, उषा दोसी का विशेष श्रम रहा। शिविर में उपस्थित 71 बच्चों को पारितोषिक दिया गया।
