साध्वीश्री विशदप्रज्ञा जी, साध्वी श्री प्रशम यशा जी, साध्वी श्री मनन यशा जी साध्वी मंदार प्रभा जी ठाणा 4 के सान्निध्य में उपसर्गहर स्तोत्र नवाह्रिक आध्यात्मिक अनुष्ठान नवरात्रि के पावन पर्व पर नौ दिन जप अनुष्ठान प्रातः प्रवचन में व रात्रि कालीन अर्हत वंदना के पश्चात दोनों समय सुंदर जप का कर्म आयोजित किया गया। साध्वी श्री प्रशम यशा जी व साध्वीश्री मनन यशा जी ने चंदेसु निम्मलायरा व विघ्न हरण व उपसर्गहर स्त्रोत निम्न मंत्रों का सुंदर जप का कर्म चला। जप अनुष्ठान के लिए यह विशेष उत्तम समय है। इस समय किया गया मंत्र जप शीघ्र फलदायी होता है। साध्वी श्री विशद प्रज्ञा जी ने उपसर्गहर स्त्रोत मे इस स्रोत में पार्श्वनाथ तीर्थंकर की स्तुति की गई है। इन मंत्रों के जप से विध्न विनाशक सिद्धि दायक मंत्र है। इस समय ग्रह नक्षत्र की किरणें अनुकूल होती है। आगम सूत्र व आगम गाथाओं का उच्चारण लय बध करना चाहिए। इस साधना काल में बहनों द्वारा एकासन, आयंबिल व दस प्रत्याख्यान किया।
इस जप अनुष्ठान में श्रावक-श्राविकाओं ने अच्छी संख्या में भाग लिया। सामूहिक 55 जोड़ों के साथ जप अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई। इस अवसर पर तेरापंथ सभा, तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ कन्या मंडल आदि के पदाधिकारी व श्रावक समाज की अच्छी उपस्थिति रही। कार्यक्रम की सूचना रजद प्रतिनिधि पवन कच्छारा ने दी।
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