दिनाक 11.10.2024 को सुबह 5ः30 बजे से कार्यक्रम मुनिश्री डॉ. ज्ञानेंद्र कुमारजी के नवकार महामंत्र के संगान के साथ प्रारम्भ हुवा आज ’भक्ताम्बर स्तोत्र मंत्रसिद्धि आराधना महाअनुष्ठान’ का नवम दिवस एवं अंतिम दिन था, मुनिश्री ने श्लोक नबर 45 से 48 तक का अनुष्ठान ’ऋद्धि मंत्रों एवं मंत्र जाप’ के उच्चारणों के साथ बहुत ही तन्मयता के साथ करवाया, आचार्य मानतुंग ने इस भकातम्बर स्तोत्र की रचना की थी, इसमें भगवान ऋषभदेव को स्तुति की गई, प्रत्येक श्लोक में आचार्य मानतुंग ने भगवान के प्रति अपने विचार जो रखे हैं उसमें विन्रमता का भाव है, इसको स्मरण करने से यह भाव अवश्य अपने अंदर अपने आप उत्पन्न होता है।
अनुष्ठान में वातावरण बहुत ही तलीन और खुशनुमा प्रतीत हो रहा था, सभी ने मनोभाव के साथ यह महाअनुष्ठान में भाग लेकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा था, जो श्रावक इस अनुष्ठान में भाग नही लिया है वह अवश्य निराश होगा, क्योंकि जो भी मंत्रो का जप सुबह होता है वह बहुत अलग ही प्रभावी होता है और इसमें भक्ताम्बर के मंत्रो का जप होना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, जो भी इसमें भाग ले रहे हैं सभी मे उत्साह और उमंग दिख रही है समय से 10 मिनट पहले आ जाते हैं इतनी ललक इस अनुष्ठान करने के लिए है, नवरात्रों में इस अनुष्ठान का अलग ही महत्व होता है, आज इस 9 दिवसीय अनुष्ठान का परिसम्पन्न किया गया, मुनिश्री द्वारा बृहत मंगल पाठ के साथ आज का कार्यक्रम संपन्न किया गया।
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