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मुमुक्षु भीखमचंद नखत का मंगल भावना समारोह : श्रीडूंगरगढ़

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श्रीडूंगरगढ़ साध्वी सेवा केंद्र में वयोवृद्ध साध्वियों के दर्शनार्थ पहुंचे मुमुक्षु भीखमचन्द नखत को सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वीश्री कुंथुश्री जी ने मंगल उद्बोधन प्रदान करते हुए कहा कि भीखमचन्द नखत तेरापन्थ के आचार्यों की सेवा में सदैव तत्पर रहे हैं और अब ये दीक्षित होकर आचार्य महाश्रमण के शिष्य बनने जा रहे हैं। नखत गुरु इंगित की सदैव आराधना करते रहें और आत्म कल्याण के लिए अध्यात्म पथ पर अग्रसर रहें। साध्वीश्री जी ने कहा कि दीक्षा जीवन के रूपांतरण की प्रक्रिया है। दीक्षित व्यक्ति संसार से संन्यास की ओर प्रस्थित होकर आत्म कल्याण के लिए अपने आप को और अपनी हर एक क्रिया को नियोजित करता है। साध्वी ललिताश्री, उपासक महालचन्द भंसाली, सभा मंत्री प्रदीप पुगलिया, अशोक बैद, महेंद्र मालू, दीपक सेठिया और महिला मंडल मंत्री संगीता बोथरा ने मुमुक्षु के प्रति मंगल भावना प्रकट की। मुमुक्षु भीखमचन्द नखत ने अपने श्रद्धास्वर उद्गारित करते हुए कहा कि आचार्यों की कृपादृष्टि सदैव मुझे मिली है। अब दीक्षित होकर उनकी कृपादृष्टि से आत्म-कल्याण के लिए प्रस्थान करना है। कार्यक्रम में मुमुक्षु की मंगलभावना प्रकट करने के लिए अनेकों श्रावक श्राविकाएं मौजूद रहे।

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