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जीवन विज्ञान दिवस का आयोजन : श्रीडूंगरगढ़

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जीवन विज्ञान स्वस्थ समाज का दर्पण है, स्वस्थ जीवन शैली का प्रशिक्षण है, सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास का नाम है, जीवन विज्ञान स शारीरिक मानसिक बौद्धिक एवं भावनात्मक विकास का नाम जीवन विज्ञान । यह प्रज्ञा जागरण का हेतु है मूल्य प्रशिक्षण का दर्पण है जीवन विज्ञान। व्यक्तित्व विकास में अभ्यास और प्रयोग दोनों का संतुलन आवश्यक अपेक्षित है। आवेश आवेग पर नियंत्रण सीखना है जीवन विज्ञान। नियंत्रण की शक्ति हमारी सोच को चिंतन को सकारात्मक बनती है। यह प्रेरणा दी तेरापंथ सेवाकेन्द्र व्यवस्थापिका शासनश्री साध्वी कुंथुश्री ने और मौका था अणुव्रत उदबोधन सप्ताह के सातवें दिन जीवन विज्ञान दिवस कार्यक्रम का। कार्यक्रम के प्रभारी पवन सेठिया ने बताया कि मंगलाचरण से शुरू कार्यक्रम में साध्वीश्री ने सानिध्य देते हुए जीवन विज्ञान की दैनिक जीवन में अनिवार्यता बताया एवं आचार्यश्री तुलसी द्वारा प्रदत जीवन विज्ञान की व्याख्या करते हुए जीवन विज्ञान का महत्व बताया। इसी क्रम में साध्वी श्री सुमंगला जी ने अपने विचार व्यक्त किए। आज के कार्यक्रम में संस्कार इनोवेटिव स्कूल, महाराणा प्रताप स्कूल, बाल निकेतन स्कूल, ब्राइट फ्यूचर स्कूल, विवेक विद्या मंदिर के 250 विद्यार्थी कार्यक्रम में मय स्टाफ प्रभारी उपस्थित रहें। इस मौके पर सह प्रभारी विक्रम मालू ने विचार रखे एवं स्थानीय अणुव्रत समिति मंत्री ऐडवोकेट रणवीर सिंह खीची ने उदबोधन सप्ताह के तहत हुए कार्यक्रमों की जानकारी दी तथा अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के समापन की घोषणा की। समिति उपाध्यक्ष सत्यनारायण स्वामी ने आभार जताते हुए साध्वी श्री और सभी आगंतुकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। कार्यक्रम में उपासक मालचंद भंसाली ने बच्चों को बौद्धिक योग अभ्यास करवाएं। कार्यक्रम में अशोक झाबक, के एल जैन, अशोक बेद, हरीश डागा, महेंद्र मालू, सुमित बरडिया, बजरंग गुलगुलिया, संजय पारीक, उपासक मालचंद भंसाली व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

 

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