मुनिश्री यशवन्तकुमार जी व मुनिश्री मोक्षकुमार जी के पावन प्रेरणा मे स्थानीय आदर्श विधा मन्दिर उच्च प्राथमिक विद्यालय, नाकोड़ा रोड़, जसोल मे सोमवार को सुबह नौ बजे अणुव्रत समिति जसोल के तत्वावधान मे अणुव्रत उद्बोधन का सांतवा दिन जीवन विज्ञान दिवस के रूप में मनाया गया।
सर्व प्रथम- मां सरस्वती के शरणो मे दिप प्रज्ज्वलित करते हुए मंगलाचरण संयममय जीवन हो गीत संगान स्कूल की बालिकाए के द्वारा किया गया। स्वागत भाषण अणुव्रत समिति जसोल के अध्यक्ष पारसमल गोलेच्छा ने कहा कि विज्ञान के माध्यम से मोबाइल, टेलीफोन, टेलीविजन, रेडियो, टेप, रिकांर्डर, रांकेट, इन्टरनेट, फैक्स मशीन आदि ने सूचना के क्षेत्र मे क्रान्तिकारी परिवर्तन किए है इन उपकरणों का प्रयोग कर कम से कम समय मे अधिक से अधिक सूचना आवश्यकता अनुसार प्राप्त की जा सकती है। आज मनुष्य विज्ञान के कारण ही चन्द्रमा तथा अन्य ग्रहो में पहुंचने तथा अंतरिक्ष में भ्रमण करने में सफलता प्राप्त की है बिना विज्ञान के इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। जिला परिषद सदस्य उमाराम पटेल ने कहा का कि बिजली की खोज आधुनिक विज्ञान का पहला चमत्कार था इसने हमारे जीवन समाज और संस्कृति के तरीके को बदल दिया। विज्ञान ने हमारे संचार को सरल और छोटा कर दिया है। समुद्र, नदिया, और सड़को पर जहाज, नाव, रेलगाड़ियां, बसे और कारे पाई जा सकती है, ये सभी वैज्ञानिक उपहार है, कृषि मे विज्ञान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बीमारियों को ठीक करने के लिए दवा उपलब्ध कराकर, दर्द और पीड़ा को कम कराने मे सहयोग किया। उपासक नेनमल कोठारी ने जीवन विज्ञान के बारे मे विस्तृत जानकारी के साथ प्रेक्षाध्यान के प्रयोग मे दीर्घ स्वांस सम ताल प्रेक्षा कराया गया। जैसे विभिन्न श्वास व प्रणायाम कुछ योग कराए। आभार व्यक्त स्कूल के प्रधानाचार्य राजेंद्र सैन किया व कहा कि जीवन विज्ञान आज के समय बहुत आवश्यकता अणुव्रत समिती के द्वारा अर्थितिगणो अणुव्रत दुपट्टा पहनाकर स्वागत व अभिनंदन किया स्कूल के लगभग 290 अध्यापकगण अध्यापिकाओ व बालक-बालिकाए को संयम का संकल्प पत्र भरवाए गए। कार्यक्रम का संचालन अणुव्रत समिति के मंत्री सफरुखान ने किया। इस अवसर पर कुलदीप कुमार, योगेश कुमार आर्य, सुमेरसिंह, महावीरचंद, दिलीपकुमार, अभिषेककुमार, रेखा, कविता, सावित्री, कविता गर्ग आदि सदस्यगण उपस्थित थे।
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