दिनांक 6 अक्टूबर, 2024 को ‘अनुशासन दिवस’ अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के निर्देशन में अणुव्रत समिति, बेंगलुरु द्वारा अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का षष्ठम दिवस तेरापंथ सभा भवन, विजयनगर में साध्वीश्री सिद्धप्रभा जी ठाणा 4 के सान्निध्य में आयोजित हुआ।
साध्वीश्रीजी द्वारा नमस्कार महामंत्रोचार के पश्चात समिति महिला मंडल टीम द्वारा अणुव्रत गीत की मधुर प्रस्तुति दी गईं मंत्री हरकचंद ओस्तवाल ने स्वागत वक्तव्य दिया। अध्यक्षता प्रदाता तेरापंथ सभा, विजयनगर के अध्यक्ष मंगल कोचर एवं मुख्य अतिथि अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के संगठन मंत्री राजेश चावत ने अनुशासन पर अपने विचार रखें
साध्वीश्री दीक्षाप्रभा जी ने मंगल उद्बोधन देते हुए कहा अनुशासन सिर्फ तेरापंथ धर्म संघ का नहीं पूरी पृथ्वी का आधार है। अनुशासन दो प्रकार के होते हैं, परानुशासन और आत्मानुशासन। अनुशासन छोटी छोटी चीजों से शुरू होता हैं। साध्वीश्री सिद्धप्रभा जी प्रेरणा पाथेय देते हुए कहा अनुशासन नैतिकता सिखाता हैं। जीवन में अनुशासन हो तो अणुव्रती का पालन कर सकते हैं। आचार्यश्री तुलसी द्वारा उद्घोषित अणुव्रत आचार सहित में अनुशासन है। अणुव्रत के सभी आचार सहित को पालन करना अणुव्रती का अनुशासन हैं।
कार्यक्रम में अध्यक्ष देवराज रायसोनी, निवर्तमान अध्यक्ष शांतिलाल पोरवाल, उपाध्यक्षा श्रीमती शांति सकलेचा, सहमंत्री प्रवीण बोहरा, कार्य समिति सदस्यगण सभा संस्थाओं के पदाधिकारी गण सहित श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीमती सुमित्रा बरडिया ने किया एवं सभी का आभार क्षेत्रीय संयोजिका श्रीमती अंजु सेठिया माना।
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