स्वाद विजय की रामबाण औषधि है-आयंबिल तप
मुनिश्री अर्हत कुमार जी ठाणा-3 की प्रबल प्रेरणा से अणुव्रत भवन में तेरापंथ महिला मंडल, नागपुर के तत्वाधान में सामूहिक आयम्बिल तप अनुष्ठान का भव्य आयोजन दिनांक 6 अक्टूबर, 2024 को मध्यान 12ः15 बजे प्रारंभ हुआ। मुनिश्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि जैन शास्त्रों में अनेक प्रकार के तपो का वर्णन आता है जिसे स्वीकार कर मानव आत्मा को परमात्मा के स्वरूप में परिवर्तित कर सकता है। तप के विविध प्रकारों में एक प्रकार है आयंबिल तप। स्वाद विजय की रामबाण औषधि है आयंबिल तप। भीतर को कलुषित बनाते विषय विकारों को जड़ सहित समाप्त करने की लब्धि है आयंबिल तप। एक धान्य वह भी लूखा और बिना नमक का खाना एक विशिष्ट साधना है। आयंबिल तप के प्रभाव से ही द्वारिका का विनाश लंबे समय तक न हो सका। हम इस तप को अपनाकर स्वयं को भावित करते रहे।तेरापंथ महिला मण्डल अध्यक्षा सरिता आर डागा ने कार्यक्रम के प्रोजेक्ट डारेक्टर का सम्मान किया। ज्ञातव्य है कि अनुष्ठान में कुल 80 भाई-बहनों ने सहभागिता दर्ज की। आयम्बिल अनुष्ठान की संयोजिका मधु पुगलिया, सुमन डागा, झंकार बाई डागा एवं सज्जन दुग्गड़ ने आयंबिल तप हेतु सराहनीय श्रम किया। सहयोगी बहने सरिता भी डागा, विनीता बोथरा, पिंकी संचेती थी। आभार ज्ञापन तेरापंथ महिला मंडल से मीनू बोथरा ने किया।
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