अणुव्रत समिति द्वारा अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का छठा दिन आज अनुशासन दिवस के रूप में तेरापंथ भवन में मनाया गया। मुनि देवेंद्र कुमार ने कहा कि अनुशासन व्यक्ति एवं संस्था के विकास का प्राण है। उन्होंने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ में भी अनुशासन को बहुत ज्यादा महत्व दिया गया है।
उन्होंने कहा कि आचार्य भिक्षु ने जो मर्यादाएं निश्चित की थी आज तेरापंथ धर्म संघ उन्ही मर्यादाओं के अनुशासन में फल फूल रहा है। तपो मूर्ति मुनि पृथ्वीराज स्वामी ने कहा की अनुशासन जीवन का प्राण बिंदु है! अनुशासन के बिना कोई भी व्यक्ति समाज या संस्था विकास नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि तेरापंथ धर्म संघ के इतिहास में अनेक अवसरों पर आचार्यों ने अनुशासन को ही सर्वाेपरि माना है। अणुव्रत समिति के अध्यक्ष रमेश बंसल ने कहा कि अनुशासन का पालन करना थोड़ा कठिन तो होता है लेकिन इसका फल अवश्य मीठा होता है! उन्होंने कहा कि अनुशासन के बिना अनेक अवसरों में बड़ी कठिनाइयां पैदा हो जाती है! उन्होंने बताया कि अनुशासन के बल पर ही हवाई यात्रा, रेल यात्रा या सड़क यात्रा सुचारू रूप से चल सकती है! उन्होंने उपस्थित लोगों से अपने जीवन व्यवहार में अनुशासन को आचरण में लाने की अपील की! समिति के मंत्री बृजेश आचार्य ने संयोजन किया उन्होंने कहा कि वर्तमान अणुव्रत अनुशास्ता के अनुशासन में ही इतना बड़ा धर्म संघ सुव्यवस्थित रूप से चल रहा है।
इस अवसर पर सुरेंद्र जैन एडवोकेट, विकास जैन, मानिक चंद नाहटा, गोपाल जैन, लक्ष्मण अग्रवाल, टेकचंद जैन, गौरव जैन तथा शुभम जैन सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
