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अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत अनुशासन दिवस का आयोजन : आमेट

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तेरापंथ भवन में विराजित साध्वीश्री विशदप्रज्ञा जी, साध्वीश्री प्रशमयशा जी, साध्वीश्री मननयशा जी, साध्वी श्री मंदारप्रभा जी ठाणा-4 के सान्निध्य में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का छठा दिन ‘अनुशासन दिवस’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री जी ने नमस्कार महामंत्र व रेणू जी छाजेड़, अनीता जी छाजेड, चेतना जी डांगी, रितु जी ढिलीवाल ने गीतिका ‘अनुशासन में रहकर अपना जीवन सफल बनाए’ द्वारा मंगलाचरण हुआ। अनुशासन दिवस के मुख्य वक्ता श्रीमान ज्ञानेश्वर जी मेहता ने कहा की भगवान महावीर के बताए गये मार्ग को आगे बढ़ाया आचार्य श्री तुलसी ने व अणुव्रत का आंदोलन जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया। अनुशासन दिवस पर अपने विचार व्यक्त किये। साध्वी श्री विशद प्रज्ञा जी ने मंगल उद्बोधन में कहा कि आचार्य श्री भिक्षु ने मर्यादा और अनुशासन को मूल नियम बताये और आज सारा धर्म संघ उन्हीं नियमों से चल रहा है। आज तेरापंथ धर्म संघ एक ही गुरु के अनुशासन में चल रहा है।
इस अवसर पर निर्मल जी गेलडा, मनोहर लाल जी पितलिया, देवीलाल जी छाजेड़, अशोक जी गेलडा, मिश्रीलाल जी चौधरी, रोशन लाल जी कोठारी, धूलचंद जी हिरण राजा बाबू, देवेंद्र जी मेहता, महेंद्र जी बोहरा महिला मंडल शांताबाई पीतलिया (काकी), मनीषा जी छाजेड नवोदित जी बाफना, मंजू जी चोरडीया, पानी बाई कोठारी, सरोज देवी कोठारी, इंदु जी बोहरा आदि व श्रावक-श्राविकाओं की अच्छी उपस्थिति रही। कार्यक्रम की जानकारी रजद प्रतिनिधि पवन कच्छारा ने दी।

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