मुनिश्री यशवन्तकुमार जी व मुनिश्री मोक्षकुमार जी के पावन प्रेरणा से स्थानीय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अमरपुरा जसोल मे शनिवार को सुबह आठ बजे अणुव्रत समिति जसोल के तत्वावधान मे अणुव्रत उद्बोधन का पांचवां दिन नशा मुक्ति दिवस के रूप में मनाया गया।
सर्वप्रथम माँ सरस्वती के शरणो मे दिप प्रज्ज्वलित करते हुए मंगलाचरण संयममय जीवन हो का गीत संगान अणुव्रत समिती के प्रचार-प्रसार मंत्री डुंगरचचन्द बागरेचा के द्वारा किया गया। स्वागत भाषण स्कूल के अध्यापक तेजाराम ने कहा कि नशा करना मतलब आत्म हत्या करना है, यह दुनिया मे सबसे खतरनाक में से एक है नशा करना न केवल शारीरिक रूप से कमजोर बनाता है, बल्कि हमे सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक रूप से भी कमजोर बनाता है। इसके सेवन से भी शरीर के कई अंगो जैसे दिल, फेफडे, गुर्दे, मस्तिष्क, मुंह, गला आदि को भी नुकसान पहुंचता है, जो एक गंभीर बिमारी का संकेत है। अणुव्रत समिति के अध्यक्ष पारसमल गोलेच्छा ने कहा कि नशा एक गंभीर बिमारी है, नशा करने से शरीर मे अनेक बिमारियां होती है, नशा करने से फेफडे, लिवर खराब होते है। नशा मुक्त जीवन अपनाएं ओर नशे से दूर रहे। अणुव्रत समिती के प्रभारी श्रीमती लीला सालेचा कहा कि नशा एक बहुत ही भयंकर गन्दगी है जो प्रतिदिन समाज मे धुए कि तरह फैलती जा रही है। नशा नाश का द्वार है। नशा करने से पेसो कि बर्बादी होती है। स्कूल के प्रधानाचार्य महेश दाधीश ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अणुव्रत विश्व भारतीय के तत्वावधान मे अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह कार्यक्रम के पांचवे दिवस को नशा मुक्ती के बारे में बात रखी जिसे हर बालक-बालिकाए मे उतार कर संकल्प के साथ जीवन मे कभी भी नशा न करे जीवन अनमोल है नशा करने से बहुत हानी होती है। ईश्वरसिंह इन्दा बिडी, सिगरेट, गांजा, भांग, अफीम या चरस पीने वाले को जब भरपूर नशा प्राप्त नही होता है, तब वे शराब और हीरोइन जैसे मादक पदार्थों की ओर अग्रसर होते है। यह अपने जीवन कै बहुत घातक है।
अणुव्रत समिति, जसोल ने स्कूल के प्रधानाचार्य महेश दाधीश व ईश्वरसिंह इन्दा को अणुव्रत दुपट्टा पहनाकर स्वागत व अभिनंदन किया साहित्य देकर सम्मान किया स्कूल अध्यापकगण, अध्यापिका बालक- बालिकाए लगभग 550 को संयम संकल्प पत्र भरवाए गए। अणुव्रत आचार सहिंता के नियम संकल्प दिलाएं गए। आभार ज्ञापन अणुव्रत समिति के उपाध्यक्ष श्रीमति डिम्पल श्रीश्रीमाल ने किया व कार्यक्रम का संचालन समिती मंत्री सफरुखान ने किया। इस अवसर पर जोगेंद्र चौधरी, प्रतापसिंह राव, गौतम कुमार, खीमसिंह परिहार, अंजूबाला, ज्योति, कान्ताकुमारी रेगड़, मुन्नी मीणा, सरस्वती, सुमन, पिंयका राठौर आदि सदस्यगण उपस्थित थे।
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