अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के चतुर्थ दिवस को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अणुव्रत गीत बच्चों ने वाद्य-यंत्रों के साथ की गई। मुख्य वक्ता नीतू मेडतवाल ने पर्यावरण के बारे में समझाते हुए बताया कि पर्यावरण बहुत सी चीजों के कारण दूषित होता है जैसे ध्वनि प्रदूषण वायु प्रदूषण जल प्रदूषण हमें पर्यावरण की कक्षा अपनी मां के समान करनी चाहिए पर्यावरण से हमें खाने पीने की वस्तु जल और खुशहाली स्वस्थ हवा और बहुत कुछ इस प्रकृति से मिलता है हमें हर पल वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए बनावटी और आर्टिफिशियल चीजों से दूर रहना चाहिए वह वस्तुएं जिसमें पेड़ पौधे काटने पड़े वैसी वस्तुओं का प्रयोग कम से काम करना चाहिए और उन्हें बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए पेड़ पौधे लगाने के बाद उसकी रक्षा करनी चाहिए उसे अपनी धूप आई से भी बचना चाहिए अपने कोई भी शुभ प्रसंग हो बर्थडे हो एनिवर्सरी हो कहीं बहुत से मौके पर एक पौधा अवश्य लगे और उसकी रक्षा करने का संकल्प करना चाहिए। प्रकृति ऐसा उपहार है जिसे जितना संजोएगे वह उतनी उर्वरक बनेगी और हमारे लिए उसकी गुणवत्ता बहुत उपयोगी है।
संगठन मंत्री पायल जी चोरड़िया ने कुशल संचालन किया और अणुव्रत के बारे में बच्चों को विस्तार से जानकारी। कार्यक्रम में 105 बच्चों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
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